Gaziabad: जल निकासी योजना में पाइप लाइन डालने का कार्य पूरा हुआ

अभी योजना को मूर्त रूप देने में काफी वक्त लगेगा.

Update: 2024-07-31 05:25 GMT

गाजियाबाद: जलवानपुरा जल निकासी योजना में तीन किलोमीटर डबल पाइप लाइन डालने का कार्य पूरा हो चुका है. 35 करोड़ की योजना में क्षीर सागर विवाद अभी भी रोड़ा है. जिससे पंपिंग स्टेशन बनाने में विकास प्राधिकरण को नाकों चने चबाने पड़ रहे हैं. स्थानीय लोगों को पूरा यकीन है कि अभी योजना को मूर्त रूप देने में काफी वक्त लगेगा.

क्योंकि क्षीर सागर में भूमि स्वामित्व का विवाद एक दशक से अधिक पुराना है. इसी स्थल पर पानी भर जाने के कारण बगल का जलवानपुरा मोहल्ला जलमग्न होता रहा है. इस बार मामला सदन में उठा तो समस्या पूरे देश में चर्चा का विषय बनी. इसलिए प्रमुख सचिव से लेकर नगर विकास सचिव तक को निरीक्षण के लिए आना पड़ा और सभी ने योजना को जल्द पूरा होने का आश्वासन दिया था. लेकिन दूसरी तरफ देखें तो जलवानपुरा से गोड़ियाना, रायगंज और फिर बड़ी छावनी मार्ग होते हुए कांसीराम कालोनी के सामने तक लगभग तीन किलोमीटर की डबल पाइप डालने का कार्य समाप्त हो गया. अब मार्ग के समतलीकरण का कार्य से शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि मणि पर्वत मेला शुरू होने के पहले रायगंज रोड बनाने का कार्य पूरा हो जाएगा और इसी के साथ या कुछ दिनों के भीतर अन्य मार्ग भी बन जाएंगे.

भूमि विवाद के कारण प्रोजेक्ट पर ग्रहण लगने की चिंता स्थानीय नागरिक ओमप्रकाश श्रीवास्तव बताते हैं कि जिले के अधिकारियों ने योजना का बोर्ड तक क्षेत्र में नहीं लगाया है. जिससे लोगों को यह पता लग सके कि यह योजना कब से शुरू हुई कब खत्म होगी और इसकी लागत क्या है. उन्होंने बताया कि क्षीर सागर की काफी विस्तृत जमीन विवाद में उलझी है. सबसे पहले इसका निस्तारण जरूरी है. क्योंकि तत्कालीन विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष और नगर निगम के आयुक्त ने विवाद को समझे बिना जल्दबाजी में सैकड़ो डंपर मिट्टी निकलवा दी. जिससे काफी गहरा गड्ढा हो गया. विवाद से जुड़े लोगों ने भूमि पर स्टे ले लिया. तब से मामला और उलझ गया.

अब राम पथ सहित अन्य कई क्षेत्रों का पानी सीवर के माध्यम से सीधे क्षीर सागर में गिरता है. पिछले वर्षों में बरसात की शुरुआत में ही जलभराव नहीं होता था लेकिन इस बार हुआ. इसका कारण नालों को सागर से जोड़ देना. उन्होंने बताया पाइप डाली जा चुकी है लेकिन पंप लगाने के लिए विभाग को जमीन नहीं मिल रही है. उन्होंने बताया कि मामला न्यायालय में लंबित है इसलिए अभी प्रोजेक्ट शुरू हो पाना बहुत मुश्किल है. अगर किसी तरह शुरू हो जाए तो वह राम की कृपा होगी. मामले की जानकारी के लिए दो दिन लगातार विकास प्राधिकरण के एई संजीव यादव को कई बार फोन द्वारा संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया.

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