Gaziabad: पायलट प्रोजेक्ट मातृ शिशु देखभाल केंद्र का ट्रायल शुरू हुआ

सात महिलाओं और नवजातों को भर्ती करके उनका उपचार शुरु

Update: 2024-08-29 08:10 GMT

गाजियाबाद: जिला महिला अस्पताल में मातृ शिशु देखभाल केंद्र का ट्रायल शुरू हो गया है. प्रदेश सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत को मदर सिक नियोनेटल चाइल्ड केयर यूनिट (एमएसएनसीयू) में सात महिलाओं और नवजातों को भर्ती करके उनका उपचार शुरु कर किया गया है.

प्रदेश में गाजियाबाद पहला जिला है, जहां पर गंभीर नवजात और प्रसूता को एक साथ रखने का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ है. शासन ने कम्युनिटी इम्पावरमेंट लैब (सीईएल) संस्था को केंद्र को तैयार करने और संचालित करने की जिम्मेदारी दी है. अस्पताल की सीएमएस डॉ. अलका शर्मा ने बताया कि एमएसएनसीयू का कार्य पूरा हो चुका है और ऑक्सीजन की व्यवस्था भी कर ली गई है. को प्रदेश सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट का ट्रायल रन शुरु कर दिया गया. एमएसएनसीयू में सात जच्चा-बच्चा को भर्ती करके इलाज शुरु कर दिया गया. ट्रायल रन के दौरान केंद्र संचालन में खामियों का पता लगाकर इसे दूर किया जाएगा. केंद्र पूरी तरह से शुरू होने पर इसका उद्घाटन कराया जाएगा.

11 बेड का बनेगा एमएसएनसीयू :हिला अस्पताल में प्रतिदिन 20 से 25 महिलाओं के प्रसव किए जाते हैं. इनमें से तीन से चार नवजात ऐसे होते है, जिनका वजह ढ़ाई किलो से कम होता है. ऐसे बच्चों को एसएनसीयू में रखने की जरूरत पड़ती है. साथ ही मां को एमएनसीयू में रखा जाता था. लेकिन एमएसएनसीयू की नई व्यवस्था में मां और बच्चे को एक साथ रखा जा सकेगा. दोनों को अलग-अलग रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अस्पताल में फिलहाल नौ बेड पर ट्रायल किया जा रहा है. ट्रायल सफल होने पर दो बेड और बढ़ाए जाएंगे.

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