गाजियाबाद: कतर्नियाघाट सेंचुरी क्षेत्र में पर्यटन सत्र का प्रदेश सरकार के वनमंत्री डॉ. अरुण सक्सेना ने मंत्रोच्चार के बीच विधि-विधान से पूजन कर शुभारंभ किया और जंगल सफारी कर सेंचुरी की मनोहारी छटा निहारी. दुलर्भ वन्यजीवों को नजदीक से देखा. उन्होंने कहा कि सेंचुरी को पर्यटन के फलक पर चमकाने व पर्यटन सुविधाओं को बेहतर करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. ताकि कतर्निया सिर्फ पर्यटन ही नहीं बल्कि शोध के लिए भी जाना जाए.
वनमंत्री ने कहा कि हिमालय की तलहटी में फैले कतर्निया में सिर्फ दुर्लभ वन्यजीवों का ही बसेरा नहीं बल्कि जैव विविधता के मामले में भी यह प्रदेश के सबसे महत्वपूर्ण सेंचुरी क्षेत्र है. कतर्निया रेंज के नेचर इंटरप्रटेशन सेंटर (घड़ियाल सेंटर) पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में पहुंचे वनमंत्री ने विधायक सरोज सोनकर संग दीप प्रज्ज्वलित कर पर्यटन सत्र का शुभारंभ किया. एफडी ने कतर्निया के जंगल व पर्यटन पर बनी लघु फिल्म भी दिखाई. वनमंत्री ने विधायक व उच्चाधिकारियों के साथ जिनान जिप्सी से जंगल सफारी व बोटिंग कर पर्यटन सत्र की तैयारियों का जायजा लिया.
पर्यटन प्रभारी मयंक पांडेय ने बताया कि कतर्नियाघाट व निशानगाड़ा रेंज के घने जंगलों में जंगल सफारी कर जंगल की सुंदरता का दीदार कर सकेंगे साथ ही गेरुआ नदी में बोटिंग का आनंद ले सकेंगे.
थारू हस्तशिल्प उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई
नेचर इंटरप्रटेशन सेंटर पर जनजाति महिलाओं की ओर से थारू हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शनी लगाई गई. इसमें थारू कल्चर के तहत पेड़ पौधों से बने स्वदेशी उत्पादों का स्टॉल लगाया गया. दो दर्जन से अधिक उत्पादों को बिक्री के लिए लगाया गया.
हथिनी जयमाला व चंपाकली को खिलाया चारा
पर्यटन संत्र शुभारंभ पर आमंत्रण पाकर राजकीय हथिनी जयमाला और चंपाकली भी कतर्निया रेंज पर पहुंची थी. वनमंत्री ने दोनों हथिनियों को उनका मनपसंद भोज कराया. महावत से भी इनके बारे में जानकारी ली.