Gaziabad: गाजियाबाद का नाम बदलने के लिए नए नाम मांगे गए
प्रशासन इतिहास के पन्ने खोजने में जुटा
गाजियाबाद: शासन की ओर से गाजियाबाद का नाम बदलने के लिए नए नाम मांगे गए हैं . प्रशासन की ओर से जल्द नए नाम का चयन कर प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा. गाजियाबाद का नया नाम तय करने के लिए प्रशासन इतिहास के पन्ने खोजने में जुटा है.
जिलाधिकारी इंद्रविक्रम सिंह ने बताया कि शासन की ओर से गाजियाबाद के नए नाम का प्रस्ताव मांगा गया था. प्रस्ताव में कई नाम भी सुझाए गए थे . इन नाम को लेकर प्रशासन से रिपोर्ट मांगी गई है. प्रशासन को शासन की ओर से चुने गए नाम का गाजियाबाद के इतिहास में ब्योरा खोजना है. इसके लिए अब इतिहास के पन्ने खोजे जा रहे हैं ताकि यह जानकारी मिल सके कि इतिहास के पन्नों में गाजियाबाद का नाम किन नाम से दर्ज रहा है.
सूत्रों की मानें तो भेजे गए नाम में एक नाम गजप्रस्त भी शामिल है. इस नाम को लेकर भी जिला प्रशासनिक अधिकारी इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं. साथ ही कुछ वरिष्ठ साहित्यकार, इतिहासकार और बुद्धिजीवियों से भी गाजियाबाद के पुराने इतिहास की जानकारी प्राप्त कर रहे हैं.
लक्ष्य से अधिक गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच की गई: मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए जिले में बीते आठ माह में लक्ष्य से अधिक गर्भवतियों की प्रसव पूर्व जांच की गई. हालांकि इस दौरान 23 गर्भवतियों की मौत दर्ज की गई. मातृ मृत्यु में से 16 का ऑडिट स्वास्थ्य विभाग ने कर लिया है. जीटीबी अस्पताल में हुई सात मातृ मृत्यु का ऑडिट किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृ शिशु योजना के नोडल प्रभारी डा. रविंद्र कुमार ने बताया कि मार्च से अक्टूबर माह तक 66450 लक्ष्य के सापेक्ष में कुल 72885 (109.68 प्रतिशत) गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच की गई. एएनसी में खान-पान सम्बन्धी सलाह, आयरन की गोलियां, कैल्शियम की गोलियां, पेट की जांच, रक्त की जांच, मूत्र की जांच एवं अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा के साथ ही उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया गया.
एसआरएस बुलेटिन से प्राप्त सम्भावित मातृ मृत्यु अनुपात 140 के सापेक्ष जनपद में कुल 23 मातृ मृत्यु हुई. इनमें से 16 का ऑडिट कर लिया गया है. गुरू तेग बहादुर हॉस्पिटल से प्राप्त सात मातृ मृत्यु का ऑडिट कराया जा रहा है.