Gaziabad: खुलासा: अस्पतालों में आग बुझाने के आधे-अधूरे इंतजाम मिले
अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए अग्निशमन विभाग ने सीएमओ को पत्र लिखा है.
उत्तरप्रदेश: जिले के अस्पतालों ने हाल ही हुए में हादसों से सबक नहीं लिया है. 0 अस्पतालों में आग बुझाने के इंतजाम आधे-अधूरे हैं. दमकल विभाग के ऑडिट में इसका खुलासा हुआ. अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए अग्निशमन विभाग ने सीएमओ को पत्र लिखा है.
जिले के सौ अस्पतालों में कभी भी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बेबी केयर सेंटर जैसा हादसा हो सकता है. दिल्ली में 25 मई की रात बेबी केयर सेंटर में आग लगने से बच्चों की मौत हो गई थी. इसके बाद अग्निशमन विभाग ने होटल, रेस्तरां, मॉल और अस्पतालों का ऑडिट शुरू किया. कुल तीन सौ अस्पतालों का ऑडिट हुआ. मुख्य अग्निशमन अधिकारी राहुल पाल ने बताया कि निजी अस्पताल में मानकों के अनुरूप फायर फाइटिंग की व्यवस्था और निकास मार्ग नहीं है. सीढ़ियों की चौड़ाई भी कम है.
विभाग की ओर से अस्पतालों में आग लगने पर निकास द्वार, फायर फाइटिंग उपकरण जैसे हाइड्रेंट सिस्टम, फायर एक्सटिंगुइशर, फायर अलार्म सिस्टम, बिल्डिंग में सीढ़ी लगाकर लोगों को बाहर निकालने की जगह की जांच की गई. कर्मचारियों को इमरजेंसी में आग बुझाने का प्रशिक्षण दिया गया. अग्निशमन विभाग ने अस्पतालों को मानकों के अनुरूप फायर फाइटिंग सिस्टम की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं ताकि आग लगने की स्थिति में अस्पताल में आग को बुझाया जा सके.
बुजुर्ग की मौत मामले में कार्रवाई न होने पर डीएम से शिकायत: वैशाली के निजी अस्पताल में महिला की मौत के मामले में तीन महीने बाद भी कार्रवाई न होने पर जिलाधिकारी से शिकायत की गई है. डीएम ने सीएमओ को फटकार लगाते हुए जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
ग्रेटर एडा निवासी विशाल गुप्ता ने बताया कि उनकी 76 वर्षीय मां आशा रानी को बुखार और उल्टी की शिकायत पर 14 मार्च को वैशाली के अस्पताल में भर्ती कराया था. आरोप है कि गलत उपचार के कारण मां की हालत बिगड़ती गई. दूसरे अस्पताल में 21 मार्च को मां की मौत हो गई. मामले में कार्रवाई नहीं की गई थी.