Gaziabad: साइबर अपराधियों ने महिला को किया डिजिटल अरेस्ट

डिजिटल अरेस्ट कर सात लाख रुपये वसूले

Update: 2024-07-23 11:20 GMT

गाजियाबाद: साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर महिला से करीब सात लाख रुपये वसूल लिए. जालसाजों ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर महिला पर मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल होने का आरोप लगाया और अरेस्ट वारंट निकलने पर जेल भेजने की धमकी देते हुए रकम वसूली. आरोपियों ने जांच के नाम पर महिला को वीडियो कॉल पर रखा. ठगी का पता लगने पर पीड़िता ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.

वैशाली थानाक्षेत्र के रामप्रस्थ ग्रीन्स की जैन स्पायर सोसाइटी में रहने वाली अपर्णा गर्ग का कहना है कि की सुबह नौ बजे उनके पास अनजान नंबर से फोन आया. कॉल करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वह टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) से बोल रहा है. उसने कहा कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग करते हुए दस जून को आलमबाग लखनऊ से उनके नाम से सिम कार्ड लिया गया है. अपर्णा गर्ग के मुताब्कि इसके बाद उन्हें दूसरे व्हाट्सऐप नंबर से वीडियो कॉल पर जोड़ा गया. दूसरे व्यक्ति ने बताया कि वह आलमबाग थाने से बोल रहा है. मनी लांड्रिंग के आरोप में उनका गिरफ्तारी वारंट निकला है. अपर्णा का कहना है कि कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए मनी लांड्रिंग के मामले में जेल भेजने की बात कही. इसके बाद उसने महिला होने के नाते उन्हें राहत देने और वीडियो कॉल पर ही जांच पूरी करने की छूट दी.

पीड़िता का आरोप है कि कॉलर ने जांच का हिस्सा बताकर उनसे बैंक खाते का विवरण पूछा और बैंक में मौजूद सारी राशि ट्रांसफर करने को कहा. कॉलर ने कहा कि मामला मनी लांड्रिंग से जुड़ा है, लिहाजा खाते में हुई ट्रांजेक्शन की डिटेल खंगालनी होगी. कॉलर ने उन्हें बैंक खाता दिया और उसे ईडी का खाता बताकर रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा. साथ ही आश्वस्त किया कि जांच पूरी होने के बाद उनकी सारी राशि लौटा दी जाएगी. अपर्णा के मुताबिक इस तरह आरोपियों ने उनसे 6.92 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए. पीड़िता के मुताबिक आरोपियों की बातों से उन्हें शक हुआ और पैसा वापस मांगा. इसके बाद आरोपियों ने उनसे संपर्क खत्म कर दिया. पीड़िता ने साइबर थाने में शिकायत दी.

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