Gaziabad: विजयनगर में कब्जामुक्त की गई सेना की जमीन अब हरी-भरी होगी

"पौधरोपण कर अतिक्रमण रोका जाएगा"

Update: 2025-01-27 05:26 GMT

गाजियाबाद: विजयनगर के चांदमारी में कब्जामुक्त कराई गई सेना की जमीन पर पौधरोपण कर हरा-भरा किया जाएगा, ताकि दोबारा अतिक्रमण न हो सके. शहर में हरियाली बढ़ाकर प्रदूषण को कम करने का प्रयास किया जाएगा. मेरठ छावनी का रक्षा संपदा कार्यालय पौधे लगाने की योजना तैयार कर रहा है.

चांदमारी में सेना की 161 एकड़ से ज्यादा जमीन है. इस पर सेना का फायरिंग रेंज बनना प्रस्तावित है. कई साल से जमीन खाली है. लोग बड़ी संख्या में झुग्गी डालकर रह रहे थे.रक्षा संपदा कार्यालय की टीम ने पिछले दिनों अभियान चलाकर जमीन को खाली करा लिया. बुलडोजर चलवाकर पक्का निर्माण भी ध्वस्त किया. रक्षा संपदा कार्यालय ने जमीन पर फिर से कब्जा न हो इसकी योजना तैयार कर ली है.एसडीओ वीके गुप्ता ने बताया कि कब्जामुक्त कराई जमीन पर पौधे लगाने की योजना है.इस बारे में वन विभाग के अधिकारियों से वार्ता की जाएगी. पौधे लगने से जमीन पर दोबारा कब्जा नहीं होगा. क्षेत्र हरा भरा रहने से लोगों को प्रदूषण से राहत मिलेगी.

सपा के प्रतिनिधिमंडल ने लोगों से बातचीत की: समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष फैसल हुसैन और महानगर अध्यक्ष वीरेंद्र यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल चांदमारी पहुंचा. सदस्यों ने बेघर परिवारों से बात की. वहीं, जिस बच्ची की मौत हुई, उसके परिजनों को मदद का भरोसा दिया. आरोप लगाया कि वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना लोगों को बेघर किया गया. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की कि बेघर परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जाएं. इस दौरान सिंहराज सिंह जाटव, महबूब लारी, मनोज पंडित, अमन यादव, राजवीर गौतम और हाजी आशिफ मौजूद रहे.

मोदीनगर में 22 बीघा जमीन पर बुलडोजर चला: जीडीए ने मोदीनगर के मानवतपुरी गांव में 22 बीघा जमीन पर विकसित हो रही अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाया. साथ ही वैशाली सेक्टर पांच के एक मकान में नक्शे के विपरीत निर्माण करने पर उसे ध्वस्त कर दिया. इस दौरान प्राधिकरण की टीम का विरोध किया, लेकिन मौजूद पुलिस बल ने खदेड़ दिया. अतिक्रमण के खिलाफ अभियान जारी है.

रैन बसेरे में जा सकते हैं लोग: प्रशासन ने लोगों के लिए रैन बसेरे में रहने के लिए कहा है. प्रशासन की तरफ से पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है कि जिन लोगों के पास मकान नहीं है वह पहचान पत्र दिखाकर रैन बसेरे में रह सकते हैं. रैन बसेरों में ठंड से बचाव के सभी इंतजाम हैं. जमीन की चारदीवारी या तारबंदी का प्रस्ताव रक्षा मंत्रालय को भेजा गया है.

लोगों ने फिर से झुग्गी डाली: जमीन खाली कराने के दो दिन बाद ही कुछ लोगों ने फिर से झुग्गी डालकर रहना शुरू कर दिया है. इन लोगों ने बताया उनके पास किराये पर मकान लेने के लिए पैसे नहीं है. वह परिवार के साथ खुले में रहने को मजबूर है. ठंड से बचने के लिए झुग्गी डाली हैं. ठंड खत्म होेने के बाद खुद झुग्गी हटाकर चले जाएंगे. लोगों ने बताया कि अधिक ठंड के चलते बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो रहे हैं. इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

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