गायत्री प्रजापति को कोर्ट से राहत नहीं

Update: 2023-05-04 09:03 GMT

वाराणसी न्यूज़: टेंडर का कमीशन न देने पर जान से मारने की धमकी देने और साक्ष्य मिटाने के मामले में आरोपित पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति एवं अन्य को कोर्ट से राहत नहीं मिली. विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम/एमपी-एमएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत ने आरोपितों की निगरानी अर्जी सुनवाई के बाद खारिज कर दी.

इस मामले में लोअर कोर्ट ने पिछले वर्ष 25 नंबर को आरोपितों का डिस्चार्ज प्रार्थना पत्र भी खारिज कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल की गई थी. लोअर कोर्ट में अब 15 मई को आरोप तय करने के लिए सुनवाई होगी. निगरानी अर्जी पर अभियोजन की ओर से एडीजीसी विनय सिंह ने तर्क दिए.

क्या था मामला गोदौलिया निवासी अरविंद कुमार तिवारी ने 30 जून 2018 को दशाश्वमेध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी. बताया नौ जून को उनके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आई थी. कॉल करनेवाले ने खुद को गायत्री प्रजापति बताते हुए वर्ष 2014 के बालू खनन के टेंडर का कमीशन मांगा. इनकार करने पर जान से मारने की धमकी दी. इस मामले में पुलिस ने विवेचना के बाद पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत कई लोग को आरोपित बनाया. आरोपित की ओर से लोअर कोर्ट में आरोप से मुक्त करने के लिए आवेदन दिया, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था. घटना के समय आरोपित लखनऊ जेल में थे. जिस सिम से धमकी दी गई उसे पुलिस बरामद भी नहीं कर सकी थी.

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