लखनऊ: एलडीए की गोमती नगर योजना में अफसरों ने फर्जी तरीके से सहकारी समिति का सदस्य बना अपने रिश्तेदारों, पत्नियों तथा बच्चों के नाम 300 करोड़ के भूखंड आवंटित कर दिए. कुल 122 भूखंडों का आवंटन किया गया है. एलडीए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने इस घोटाले की जांच शुरू करा दी है. प्राधिकरण सचिव पवन कुमार गंगवार को इसका जांच अधिकारी बनाया गया है.
एलडीए में 2017 से पहले तैनात कई अधिकारियों तथा इंजीनियरों ने फर्जी तरीके से एक समिति का सदस्य बनाकर परिजनों के नाम बड़े बड़े भूखंड आवंटित कराए हैं. इन्हें 300 से लेकर 500 वर्ग मीटर तक के भूखंड आवंटित किए गए हैं. इसमें एक पूर्व उपाध्यक्ष ने अपनी पत्नी के नाम भी भूखंड आवंटित कराया है. 2016 तक तैनात रहे कई अन्य अधिकारियों ने अपने घर के नौकरों के नाम भी प्लॉट आवंटित किया है.
इस लिस्ट में कई तत्कालीन ओएसडी, संयुक्त सचिव, अपर सचिव, सचिव तथा उपाध्यक्ष के भी नाम हैं. इन लोगों ने भी संबंधित सहकारी आवास समिति में अपने घर के लोगों, नौकरों, रिश्तेदारों को सदस्य बनाया. संबंधित सहकारी आवास समिति का सदस्य बनाकर उसे प्लॉट दिया. इनका आवंटन 2016 से पहले ही किया जा चुका था. इन भूखंडों की रजिस्ट्री 2006 से 2020 के बीच हुई है. अब इनमें से ज्यादातर भूखंडों की रजिस्ट्री के बाद लोगों ने उन पर मकान बना लिए हैं. मामले की जानकारी पर एलडीए उपाध्यक्ष ने इसकी जांच शुरू करा दी है.
इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है. सचिव पवन कुमार गंगवार को जांच अधिकारी बनाया गया है. उन्हें 10 दिनों के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कार्यवाही होगी.
डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, उपाध्यक्ष, एलडीए
2016 में हुआ सबसे बड़ा खेल
वर्ष 2016 में सबसे बड़ा खेल हुआ है. उस समय सबसे ज्यादा भूखंड आवंटित किए गए. ग्रीन बेल्ट की जमीन को बोर्ड में रखकर उसे आवासीय पास कराया गया. इसके बाद एक समिति को यहां को भी जमीन दी गई. फिर उसमें से भी तमाम अधिकारियों ने अपने वा अपने रिश्तेदारों को प्लॉट दिलाया.