फर्जी कागजातों से करोड़ों की जमीन बेचने वाला गैंग दबोचा, आहत युवती ने कर ली थी खुदकुशी

Update: 2023-01-21 12:12 GMT

आगरा क्राइम न्यूज़: न्यूज़ न्यू राधा नगर, बल्केश्वर (कमला नगर) निवासी कृष्णा तोमर की एत्मादपुर के गांव धरैरा स्थित 32 बीघा जमीन फर्जी कृष्णा तोमर ने बेच दी थी. सदमे में आयी कृष्णा की बहन 21 वर्षीय नीतू तोमर ने 21 दिसंबर को खुदकुशी कर ली थी. एसओजी ने जमीन बेचने वाले गैंग पर शिकंजा कसा है. तीन आरोपित गिरफ्तार हुए हैं. 23 लाख रुपये बरामद हुए हैं. तीन खाते फ्रीज कराए गए हैं. उनमें 80 लाख जमा हैं.

20 दिसंबर को कृष्णा तोमर को पता चला था कि उनकी गांव वाली जमीन किसी ने बेच दी है. जमीन नेमीनाथ मेडिकल कॉलेज के मालिक दीपेश गुप्ता ने खरीदी थी. जमीन बिकने के सदमे में कृष्णा की बहन नीतू ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी. उसी के बाद यह मामला सुर्खियों में आया था. एत्मादपुर थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा लिखा गया था. मुकदमे में सुबोध सूदन, भूपेंद्र सिंह, प्रवेंद्र तोमर, गौरव और सीमा को नामजद किया गया था. प्रवेंद्र ने दूसरे मामले में कोर्ट में समर्पण कर दिया था.

एटा का अनिल बना था कृष्णा तोमर एडीशनल डीसीपी क्राइम सत्य नारायण ने बताया कि पुलिस ने प्रवेंद्र तोमर को कस्टडी रिमांड पर लिया. उसने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2012 में उसने कृष्णा के पिता हीरा सिंह से जमीन बटाई पर ली थी. उसे पता था कि कृष्णा जमीन का इकलौता मालिक है. गांव कम आता है. पुलिस के अनुसार प्रवेंद्र ने अपने भांजे अमित सिसौदिया एवं साथी अमित गर्ग से संपर्क किया. उन्हें बताया कि फर्जी को कृष्णा तोमर बनाकर 32 बीघा जमीन बेचेंगे. अमित सिसौदिया पूर्व में जेल जा चुका है. उसे जिम्मेदारी दी गई कि तहसील में कृष्णा उसकी बहन और बहनोई बैनामा करने जाएंगे. दो पुरुष और एक महिला का इंतजाम करे. जिन्हें असली बताकर खड़ा किया जाए. अमित सिसौदिया ने जेल के अपने पुराने साथी अखंड प्रताप सिंह से संपर्क किया.

अखंड प्रताप जमीन मालिक का बहनोई बनने को तैयार हो गया. पूनम रानी पाठक को कृष्णा की बहन बनाया. सकरौली, एटा निवासी अनिल कुमार ढाई लाख रुपये में कृष्णा बन गया. अमित गर्ग ने तीनों के फर्जी आधार कार्ड बनवाए.

इनकी हुई गिरफ्तारी

● अमित गर्ग व उसके पिता कुलदीप पंडित नगला गोवर्धन, बरहन

● अनिल कुमार (फर्जी कृष्णा तोमर) निवासी जरानी, खुर्द, सकरौली, एटा.

ये हुई बरामदगी

23 लाख रुपये नकद. तीन मोबाइल, फर्जी आधार कार्ड. अमित गर्ग ने हिस्से में आई रकम से 60 लाख रुपये की जमीन खरीदी. उस जमीन को कुर्क किया जाएगा. तीन खाते फ्रीज कराए. उनमें 80 लाख रुपये जमा हैं.

खुलासे में इनकी रही भूमिका

एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित, इंस्पेक्टर एत्मादपुर सर्वेश कुमार, सर्विलांस प्रभारी सचिन धामा, एसआई ललित कुमार भाटी, विवेक शर्मा व अन्य.

खरीदार की घेराबंदी को गिरोह में जोड़े लोग

जमीन महंगी बिकनी थी. अमित गर्ग ने मुकेश यादव के जरिए गौरव यादव व दशरथ उर्फ नीटू यादव से संपर्क किया. गौरव यादव ने चौगान निवासी विजय बहादुर व शीलू ठाकुर को गैंग में मिला लिया. विजय ने गौरव गुप्ता व राजेंद्र अग्रवाल के माध्यम से नेमीनाथ कॉलेज के मालिक डॉक्टर प्रदीप गुप्ता से जमीन का सौदा किया. चार करोड़ में सौदा हुआ. 2.40 करोड़ फर्जी कृष्णा के बरहन स्थित बैंक खाते में ट्रांसफर हुए. एक करोड़ नकद दिए गए. शेष रकम दाखिला खारिज होने पर देने की कहा गया. जमीन बिकने के बाद एक करोड़ अमित गर्ग को मिले. प्रवेंद्र तोमर को 60 लाख रुपये मिले. शेष रकम अन्य सदस्यों के हिस्से में आई.

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