फैजाबाद न्यूज़: काशी के प्रकांड विद्वान आचार्य गणेश्वर शास्त्रत्त्ी द्रविड़ एक बार फिर चर्चा में है. इस बार श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से उन्हें श्रीरामजन्म भूमि के निर्माणाधीन मंदिर में विराजित होने वाले रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अपराजेय मुहूर्त निकालने का जिम्मा सौंपा गया है. उन्होंने मुहूर्त निकाला भी है लेकिन यह मुहूर्त तीर्थ क्षेत्र की ओर से अपेक्षित तिथि से अलग है. तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारी इस मुहूर्त पर मंथन के बाद पीएमओ को भेजेंगे और पीएमओ से जिस तिथि के लिए हरीझंडी मिलेगी, उसी तिथि पर मुख्य समारोह का आयोजन होगा. फिलहाल तीर्थ क्षेत्र ने देश के दूसरे विद्वानों की भी राय मांगी है.
एक से अधिक विद्वानों से मुहूर्त के लिए परामर्श के पीछे उद्देश्य यह है कि भूमि पूजन की तरह फिर से कोई विरोधाभास न पैदा हो. काशी के विद्वान आचार्य गणेश्वर द्रविड़ ने राम मंदिर के भूमि पूजन का मुहूर्त निकाला था. हालांकि तीर्थ क्षेत्र की ओर से तीन अगस्त से पांच अगस्त के मध्य सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त निकालने की अपेक्षा की थी. आचार्य द्रविड़ ने पांच अगस्त को दोपहर 12 बजकर 15 मिनट के 32 सेकेंड का मुहूर्त निकाला था लेकिन इस मुहूर्त पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती सहित काशी विद्वत परिषद के ही विद्वानों ने सवाल खड़ा कर दिया. इस पर आचार्य गणेश्वर शास्त्रत्त्ी ने विरोध करने वालों को शास्त्रत्तर्थ की चुनौती दे डाली. यद्यपि किसी विपक्षी विद्वान ने उनकी चुनौती स्वीकार नहीं की. फिर भी आचार्य गणेश्वर ने देश भर के विद्वानों को पत्र भेजकर अपना पक्ष रखा और शास्त्रत्त्ीय आधार पर मुहूर्त को सही ठहराया था. खास बात यह है कि उनकी ओर से निकाले गये मुहूर्त पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भूमि पूजन किया था.
के बाद निर्बाध गति से मंदिर का निर्माण हो रहा है, तो बाकी विद्वानों की जुबान बंद हो गयी है.
तीर्थ क्षेत्र महासचिव पहले कह चुके हैं सूर्य उत्तरायण के बाद शुभ मुहूर्त में होगी प्रतिष्ठा
श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय पहले कह चुके हैं कि दिसम्बर 2023 में भले मंदिर निर्माण हो जाएगा लेकिन तब खरमास होगा. मकर संक्रांति के बाद सूर्य उत्तरायण होंगे तो मांगलिक कार्यक्रम होंगे. ऐसी स्थिति में जो भी शुभ मुहूर्त निकलेगा, उसी मुहूर्त में प्राण प्रतिष्ठा का समारोह होगा. वैदिक रीति प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान निर्धारित मुहूर्त के पहले ही शुरू हो जाएगा. फिलहाल तीर्थ क्षेत्र के पदाधिकारियों की पहली प्राथमिकता 15 जनवरी से 25 जनवरी 2024 के मध्य किसी शुभ मुहूर्त की है. यही कारण है तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष महंत गोविंद देव गिरि महाराज ने निर्धारित तिथि के मध्य तीन मुहूर्त निकालने की अपेक्षा की थी जिससे पीएमओ के साथ समन्वय हो सके. अब यदि मुहूर्त फरवरी 2024 में मिलेगा तो प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए प्रतीक्षा लाजिमी हो जाएगी.