जितेंद्रनाथ के बाद पार्षद से मेयर बने गणेश, पत्नी सविता भी रह चुकी हैं पार्षद

Update: 2023-05-15 08:18 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: शहर के प्रथम नागरिक(महापौर) बने उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने पार्षदी से राजनीति की शुरुआत की. चौधरी जितेंद्रनाथ सिंह के बाद गणेश केसरवानी पार्षद से राजनीति का सफर शुरू कर शहर की सरकार का मुखिया बनने वाले दूसरे व्यक्ति हैं. गणेश केसरवानी 2012 से 2017 तक कृष्णानगर वार्ड से पार्षद रहे.

गणेश को सक्रिय पार्षद माना जाता था. अपने क्षेत्र की जनता के लिए गणेश ने 2012 में लाठियां भी खाईं. गणेश के बाद उनकी पत्नी सविता केसरवानी कृष्णानगर वार्ड से 2017 में पार्षद बनीं. शहर में 1995 से 2023 तक छह महापौरों को जनता ने चुना. चौधरी जितेंद्रनाथ सिंह पहले ऐसे निर्वाचित महापौर हुए, जो पहले पार्षद भी रहे. चौधरी जितेंद्रनाथ 1989 में पार्षद और 2006 में महापौर बने थे. वहीं शहर की पहली निर्वाचित महापौर डॉ. रीता बहुगुणा जोशी प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनीं और इस समय सांसद हैं.

मतगणना के बाद दूसरे स्थान पर रहे समाजवादी पार्टी के महापौर प्रत्याशी अजय कुमार श्रीवास्तव ने 2002 में इलाहाबाद उत्तरी से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा लेकिन हार गए थे. 2009 में प्रदेश की तत्कालीन बसपा सरकार ने अजय को नामित पार्षद बनाकर मिनी सदन में भेजा था. बतौर पार्षद अजय शहर की समस्या पर लगातार आवाज उठाते रहे. अजय ने 2017 में बसपा से नाता तोड़कर सपा का दामान थामा था. अजय से पहले बसपा सरकार ने हर्ष कुमार बाजपेयी को भी पार्षद नामित किया.

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