उत्तरप्रदेश: गाजियाबाद की 8वीं एनडीआरएफ बटालियन में इस वक़्त 24 डॉग्स को ट्रेनिंग दी जा रही है. इन डॉग्स को आपदा ग्रसित माहौल में इंसानों की जान बचाने की ट्रेनिंग दी जाती है. अक्सर इस हैवी ट्रेनिंग और भीषण गर्मी के कारण यह डॉग्स काफी ज्यादा थक जाते हैं, इसलिए सभी डॉग्स को डेडीकेटेड एयर कंडीशनर रूम में रखा जाता है.
हर रूम के गेट के बाहर डॉग्स की प्रोफाइल चिपकी होती है. एक कमरे में एक डॉग अपने ट्रेनर के साथ रहता है. रूम में ट्रेनर और डॉग दोनों के लिए बेड होते हैं. बाहर के तापमान से एडजस्ट करके रूम का तापमान सेट किया जाता है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शाम को यह डॉग्स इन्हीं लग्जरी कमरों में आराम करते हैं.
AC में आराम करते हैं डॉग्स
राजेंद्र जोशी ने बताया कि यहां सभी डॉग अपने हैंडलर के साथ एयर कंडीशनर रूम में रहते हैं. जब इनका रेस्ट टाइम होता है तो ये कुत्ते यहीं पर आराम करते हैं. एक डॉग के साथ एक हैंडलर हमेशा रहता है. जिसको (मैरीग-अप) भी कहते हैं. डॉग ही उनका लाइफ पार्टनर होता है और ये दोनों एक दूसरे के प्रति काफी वफादार होते हैं. ये डॉग्स अपने मास्टर की आंखों की हरकत से ही सारी बातें समझ जाते हैं. इन रूम कि रोजाना सफाई की जाती है. इस कमरे में दो बेड होते हैं. एयर कंडीशनर होता है, पंखा होता है और छोटी अलमारी भी होती है. इसके अलावा रूम से अटैच बोर्डिंग एरिया होता है. जहां पर डॉग अक्सर शाम को टहलते हैं.
डॉग्स भी फॉलो करते हैं अच्छी दिनचर्या
ट्रेनिंग के बाद इन डॉग्स को फीडिंग भी दी जाती हैं. उसके बाद ग्रूमिंग होती है. फिर इनको आराम के लिए छोड़ दिया जाता है. अगर इन डॉग्स को A, में ना रखा जाए तो इनकी तबीयत बिगड़ जाएगी. क्योंकि इंसानों के पास स्वेट ग्लैंड होती है पर डॉग के पास स्वेट ग्लैंड नहीं होती. ऐसे में भीषण गर्मी में डॉग को रखने से उसका बॉडी टेंपरेचर बढ़ जाएगा और उसे हाइपोथर्मिया हो सकता है. जिससे डॉग की जान भी जा सकती है.