बारिश करवाने के लिए गोरखपुर में मेंढक-मेंढकी की करवाई शादी
गोरखपुर में बारिश न होने के कारण परेशान लोग तरह- तरह के टोटके अपना रहे हैं। बारिश के लिए कोई हवन- पूजन कर रहा तो कोई कीचड़ से लोगों को नहला रहा।
गोरखपुर में बारिश न होने के कारण परेशान लोग तरह- तरह के टोटके अपना रहे हैं। बारिश के लिए कोई हवन- पूजन कर रहा तो कोई कीचड़ से लोगों को नहला रहा। इसी क्रम में गोरखपुर जिले में मेंढक- मेंढकी की शादी का टोटका अपनाया गया है। यहां बारिश के लिए कालीबाड़ी मंदिर में पूरे रिति- रिवाज के साथ मेंढक- मेंढकी की शादी कराई गई।
यह शादी हिंदू महासंघ की ओर से मंगलवार को शहर के कालीबाड़ी मंदिर में आयोजित की गई थी। यहां मेंढक- मेंढकी की सांकेतिक शादी कराई गई। इस दौरान वहां देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई।
कार्यक्रम के आयोजक राधाकांत वर्मा ने कहा कि पूरे उत्तर प्रदेश में बारिश नहीं हो रही है, जिससे सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। 15 जून से बारिश होती है, लेकिन इस बार सावन के पांच दिन बीच चुके हैं। लेकिन अभी तक बारिश नहीं हुई है। पिछले सप्ताह हवन-पूजन किया। पुराणों में उल्लेख किया गया है कि टोटका का काफी महत्व होता है।
कहा कि इसी के तहत आज मेंढक- मेंढकी की शादी कराई गई है। बारिश में मेंढक अपनी आवाज से मेंढकी को प्रभावित करता है। ऐसे में आज जो मेंढक- मेंढकी की शादी कराई गई है तो अब ये प्रभावित होंगे और आज बारिश होगी। गुरु गोरक्षनाथ की धरती पर बारिश हो, इसकी प्रार्थना करते हैं। उम्मीद है कि यह टोटका जरूर काम करेगा।
गोरखपुर में इस साल वर्षा रानी ऐसी रूठीं कि 11 वर्षों बाद जनपद में कम पानी बरसा है। हालात ऐसे हो गए हैं कि तीन दिन बाद सावन शुरू होने वाला है और गर्मी जेठ महीने जैसी पड़ रही है। बारिश नहीं होने से किसान धान की रोपाई नहीं कर पा रहे हैं। जिन्होंने रोपाई कर दी है, उनके लिए उसकी सिंचाई भारी पड़ रही है।
मौसम के जानकारों के अनुसार, आमतौर पर एक से 10 जुलाई के बीच 100 मिलीमीटर से अधिक बारिश हो जाती है, लेकिन इस बार जिले में केवल 11 मिलीमीटर बारिश हुई है। इससे पहले, साल 2010 में 17 मिलीमीटर बारिश हुई थी। वहीं, साल 2020 में एक से 10 जुलाई के बीच 203 और 2021 में 109.8 मिलीमीटर बारिश हुई थी।