पीजीआई में 16 बच्चों का मुफ्त इलाज शुरू हुआ
दुर्लभ रोगों के इलाज के लिए 6.4 करोड़ रुपये दिए
लखनऊ: पीजीआई में दुर्लभ बीमारी गौचर और स्पाइनल मस्कुलर रोग से पीड़ित 16 बच्चों का इलाज मुफ्त शुरू हो गया है. केन्द्र सरकार ने रेयर डिजीज पॉलिसी के तहत पीजीआई को दुर्लभ रोगों के इलाज के लिए 6.4 करोड़ रुपये दिए हैं.
यह जानकारी पीजीआई के मेडिकल जेनेटिक्स विभाग प्रमुख डॉ. शुभा फड़के ने संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में दी. दुर्लभ रोगियों को चिह्नित करने, दुर्लभ रोगियों और देखभाल में लगे डॉक्टरों के साथ कार्यक्रम आयोजित किया गया. डॉ. फड़के ने बताया कि विल्सन रोग, टायरोसिनेमिया, ग्रोथ हार्मोन की कमी, इम्यूनोडेफिशिएंसी रोगियों को जल्द मुफ्त इलाज शुरू किया जाएगा. इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के यूपी चैप्टर और लखनऊ एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के सहयोग से कार्यक्रम में दुर्लभ रोगों से पीड़ित 100 बच्चों को सम्मानित किया गया.
80 प्रतिशत दुर्लभ बीमारियां अनुवांशिक: डॉ. शुभा फड़के ने बताया कि 80 फीसदी दुर्लभ रोग अनुवांशिक होते हैं. बाकी बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण समेत दूसरे कारण होते हैं. अनुवांशिक दुर्लभ बीमारियों के लक्षण जन्म के बाद तीन, छह माह और एक साल में दिखाई देने लगते हैं. डॉ. फड़के ने बताया कि पांच हजार तरह की दुर्लभ बीमारियां हैं.