जन्मजात हृदय रोगी बच्चों को मुफ्त इलाज

Update: 2023-02-18 14:58 GMT

लखनऊ न्यूज़: प्रदेश के सभी जन्मजात हृदय रोग पीड़ित बच्चों को जल्द मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सकेगी. अभी तकरीबन 10 फीसदी बच्चों को ही यह सुविधा मिल पा रही है. दरअसल, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत हर साल जन्मजात हृदय रोग पीड़ित 4 से 5 हजार बच्चे चिन्हित किए जाते हैं. मगर इलाज की सुविधा फिलहाल तकरीबन 500 के लिए ही उपलब्ध है.

सरकार ने आरबीएसके के तहत बच्चों की जन्मजात हृदय रोग संबंधी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था की है. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के जरिए चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत हर साल पीड़ित बच्चों को चिन्हित किया जाता है. एनएचएम से जुड़े सूत्रों की मानें तो हर साल हृदय संबंधी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित तकरीबन पांच हजार तक बच्चे चिन्हित किए जाते हैं.

अभी तक ऐसे बच्चों के मुफ्त ऑपरेशन और इलाज सिर्फ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में ही हो रहे थे. हर साल 250 से 300 बच्चों को मुफ्त ऑपरेशन का औसत है.

हृदय रोग पीड़ित ज्यादा से ज्यादा बच्चों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल सके, इसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों को योजना से जोड़ेगा. प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा के निर्देश पर एनएचएम के अधिकारियों द्वारा इसके लिए इंप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का मसौदा तैयार किया जा रहा है.

निजी अस्पताल से करार

हाल ही में एनएचएम ने पहली बार हरियाणा के पलवल स्थिति एक निजी चिकित्सा संस्थान से इसके लिए करार किया गया है. श्री सत्य सांई इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हार्ट केयर भी एक साल में 200 से 250 बच्चों के मुफ्त ऑपरेशन करेगा. इसके एवज में राज्य सरकार उस संस्थान को भुगतान करेगी.

केंद्र ने दिए हैं 31 पैकेज

आरबीएसके कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के लिए 31 पैकेज के जरिए इलाज की सुविधा मुहैया करा रही है. यह पैकेज 15 हजार रुपये से लेकर दो लाख रुपये तक के हैं. दरअसल कुछ बच्चों में हृदय रोग संबंधी मामूली दिक्कत होती है, जिसका इलाज सस्ते में हो जाता है.

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