नगर निगम के अधिकारियों की आईडी से हाउस टैक्स और दाखिल खारिज में फर्जीवाड़ा

Update: 2023-01-05 08:14 GMT

लखनऊ न्यूज़: नगर निगम में हाउस टैक्स व दाखिल खारिज के फर्जीवाड़े में यहां के अफसर भी शामिल हैं. उनकी आईडी और पासवर्ड से फर्जीवाड़ा किया गया. मामले उजागर हुए तो अफसरों ने ठीकरा बाबुओं पर फोड़ा. सफाई दी कि उनकी आईडी पासवर्ड का इस्तेमाल बाबुओं ने किया. उधर फर्जीवाड़े से परेशान लोग नगर निगम के चक्कर लगा रहे हैं. नगर निगम के जोन 5 के कई मामले सामने आए हैं.

नगर निगम अफसरों की आईडी से ही यहां हाउस टैक्स कम-ज्यादा करने तथा दूसरे का मकान किसी दूसरे के नाम करने का खेल चल रहा है. कई मकानों में हाउस टैक्स काफी कम कर दिया गया. नगर निगम के जोन 5 के तत्कालीन जोनल अधिकारी व वर्तमान में जोन 4 गोमती नगर के जोनल अधिकारी सुभाष चंद्र त्रिपाठी की आईडी पासवर्ड से यहां के कुछ मकानों में बड़ा खेल किया. यहां के एक मकान को कन्हैयालाल मंगलानी के नाम नगर निगम में दर्ज किया गया. जबकि नियमानुसार यह मकान उनके नाम दर्ज ही नहीं हो सकता था. आदर्श नगर के गुरबीर सिंह ने प्रार्थना पत्र से आपत्ति दर्ज कराई थी कि उनका भवन पूर्व में स्वर्गीय हरनाम सिंह के नाम था. इसका वाद न्यायालय में विचाराधीन है. इसके बावजूद जोनल अधिकारी का आईडी पासवर्ड लेकर इसका दाखिल खारिज कर दिया गया. जबकि बिना वसीयत की वैधानिकता पर अंतिम निर्णय हुए इसे स्थगित रखना था.

कर निर्धारण में ही घालमेल मामले का खुलासा हुआ तो पता चला कि इसमें तो अफसर का आईडी पासवर्ड इस्तेमाल हुआ है. कहा जा रहा है कि केवल कंप्यूटर पर ही आईडी पासवर्ड से मकान का नामांतरण किया गया. इसी तरह ओम नगर के एक मकान का कर निर्धारण 1,75,653 था. इसमें कर निर्धारण 14,400 वार्षिक मूल्य पर कर दिया गया. यहीं के एक और मकान का वार्षिक मूल्य पहले 1,80,000 था जिसे 14,760 किया गया. अधिकारी बता रहे हैं कि भवन स्वामी की आपत्ति की सुनवाई के बाद नया वार्षिक मूल्य निर्धारित हुआ.

जोनल अधिकारी की आईडी से नाम बदला: जोनल अधिकारी ने इस मामले में अपर नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार सिंह को अपनी सफाई दी है. 22 दिसंबर 2022 को भेजे स्पष्टीकरण में कहा है नामांतरण के संदर्भ में बिना सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के कंप्यूटर ऑपरेटर के द्वारा नाम परिवर्तन कर दूसरे का नाम दर्ज किया गया. उन्होंने लिखा है कि नामांतरण ऑनलाइन कंप्यूटर में फीडिंग का काम शशि भूषण सिंह, लिपिक ने उनकी आईडी का उपयोग कर किया.

डीएम के निर्देश, धारा 24 में होगी पैमाइश: डीएम सूर्य पाल गंगवार ने शिकायतों को देखते हुए सख्त निर्देश दिए हैं. अब लेखपाल अपनी मर्जी से पैमाइश नहीं कर सकते. इसके लिए आवेदक को राजस्व संहिता की धारा 24 के अन्तर्गत एसडीएम कोर्ट में मुकदमा करना होगा. इसके बाद कोर्ट से निर्देश पर पैमाइश होगी.

अफसर को पता थी कर्मचारियों की कारगुजारी: तत्कालीन जोनल अधिकारी सुभाष त्रिपाठी की आईडी का इस्तेमाल नगर निगम के तमाम कर्मचारी कर रहे थे. द्वितीय श्रेणी लिपिक ने अपर नगर आयुक्त को भेजे स्पष्टीकरण में लिखा है कि अकेले वह ही अधीक्षक संजय भारती, राजस्व निरीक्षक हरेंद्र प्रताप सिंह, द्वितीय श्रेणी लिपिक प्रेम सागर हाउस टैक्स, नाम परिवर्तन, म्यूटेशन आदि का काम कर रहे थे. लिपिक प्रेम सागर तथा संबद्ध कार्यदाई संस्था कर्मी पीयूष वर्मा,सर्वजीत मिश्रा भी आईडी इस्तेमाल कर रहे थे.

गर्दन फंसी तो माफी मांगी: मामले में जोनल अफसर सुभाष त्रिपाठी ंने स्पष्टीकरण के साथ माफी भी मांगी है. भविष्य में पूरी तरह से कर्तव्यों का पालन करेंगे. अधीनस्थों पर प्रभावी नियंत्रण रखेंगे. ताकि इसकी भविष्य में पुनरावृत्ति न हो.

फर्जी म्यूटेशन मामले में मेरा कोई लेना देना नहीं है. मेरी आईडी के लिए बाबू अधिकृत किया गया था. उसने ही सारी गड़बड़ी की है. लोगों के प्रार्थना पत्र पर टैक्स कम किया .

सुभाष त्रिपाठी, जोनल अधिकारी, निगम

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