चार साल की प्रिशा बनी ब्रांड अम्बेसडर

बरेली में चार महीने में वैक्सीन विरोधी परिवारों की संख्या 1983 से घटकर 684 रह गई है.

Update: 2023-08-29 05:46 GMT

बरेली: बच्चों के लिए टीकाकरण जरूरी है पर भ्रांतियों के कारण तमाम परिवार बच्चों का वैक्सीनेशन कराने से इंकार कर रहे हैं. ऐसे लोगों को जागरूक करने और बच्चों का वैक्सीनेशन बढ़ाने के लिए बरेली के डॉक्टर प्रशांत रंजन ने अनूठा काम किया. उन्होंने चार साल की बेटी प्रिशा के सभी टीके सरकारी अस्पताल में ही लगवाए. बेटी के साथ टीकाकरण जागरूकता के पोस्टर बनवाए. इनको घर-घर जाकर बांटा. इसका बड़ा असर हुआ. बरेली में चार महीने में वैक्सीन विरोधी परिवारों की संख्या 1983 से घटकर 684 रह गई है.

स्वास्थ्य विभाग में डा. प्रशांत रंजन जिला प्रतिरक्षण अधिकारी हैं, जो पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन में तैनात रह चुके हैं. डीआईओ की जिम्मेदारी मिलने के बाद उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती थी, बच्चों का संपूर्ण टीकाकरण. खासकर ऐसे इलाकों में जहां कई परिवार बच्चों के टीकाकरण के विरोध में हैं. डॉ. प्रशांत रंजन ने ऐसे परिवारों की काउंसिलिंग की, उनको समझाया. फिर भी सौ फीसदी सफलता नहीं मिली. बात नहीं बनी तो उन्होंने अपनी चार साल की बेटी प्रिशा के साथ मिलकर अवेयरनेस कैंपेन शुरू किया. उनके प्रयास से चार माह में 1300 से अधिक परिवारों ने अपने बच्चों को टीका लगवाया है.

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