वन विभाग की चार टीमें तेंदुए के सर्च आपरेशन में, देर रात 11 बजे फिर से देखा गया तेंदुआ
मेरठ न्यूज़: टीपीनगर थाना क्षेत्र में देर रात तेंदुआ दिखाई देने से शहर में दहशत का माहौल रहा। तेंदुए की जानकारी मिलते ही पुलिस व वन विभाग की टीम तेंदुए को लेकर शनिवार देर रात तक क्षेत्र में कांबिंग करती रही। कई टीमें बनाकर कांबिंग की गई, लेकिन तेदुएं का कोई पता नहीं चला। रात्रि में लोगों को अलर्ट किया गया हैं, ताकि किसी तरह का हादसा नहीं हो पाए। तेदुआ कहा से आया? इसकी भी छानबीन की जा रही हैं। पहले भी तेंदुआ शहर में कई बार आ चुका हैं। जंगल से भटकर कर तेदुएं के शहर में एंट्री करने से लोगों में दहशत का माहौल रहा। उधर, डीएफओ राजेश कुमार पूरी टीम के साथ मौके पर पहुंचे तथा पूरी जानकारी ली। उनके साथ वन्य जीव विशेषज्ञ डा. आरके सिंह भी पहुंचे थे।
बता दें कि शुक्रवार देर रात टीपीनगर के ज्वाला नगर में तेंदुआ घुस आया। शनिवार सुबह तेंदुुए के होने की सूचना पूरे क्षेत्र में फैल गई। दिनभर क्षेत्र की करीब 40 हजार की आबादी दहशत के साये में रही और लोग अपने घरों में दुबके रहे। क्षेत्र के स्कूलों को भी बंद करा दिया गया। वन विभाग की चार टीम तेंदुए की तलाश में जुटी रही, लेकिन शनिवार देर रात तक उसका कोई सुराग नहीं लग सका। ज्वालानगर निवासी अभिषेक के घर के सामने मकान नंबर 92 में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में शनिवार सुबह सात बजे तेंदुआ दिखाई पड़ा। फुटेज में रात ढ़ाई बजे करीब तेंदुआ गली में घूमता दिखाई पड़ रहा है। सूचना के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम भी सुबह 7:45 पर ज्वालानगर में पहुंच गई। वन विभाग की चार टीम अलग-अलग क्षेत्र में तेंदुए की तलाश में जुट गई। कई घरों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई।
दो फुटेज में तेंदुआ दिखाई पड़ा। एक फुटेज में तेंदुआ गली में दौड़ते हुए दिखाई दिया। दूसरी सीसीटीवी फुटेज में एक खाली प्लॉट में उसे जाते देखा गया। टीम ने क्षेत्र में करीब नौ जगहों पर खाली पड़े प्लॉटों और पार्कों को तलाशा, लेकिन तेंदुए का कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया। बागपत रोड स्थित मुख्य मार्ग पर एक पुरानी बिल्डिंग में भी तेंदुए की तलाश की गई, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया। वन दारोगा मोहन सिंह, इंस्पेक्टर विधानचंद, विशंम्भर समेत कई लोग तेंदुए की तलाश में जुटे रहे, लेकिन उसके पंजों के निशान भी कहीं नहीं मिल पाए।
दिन भर अपने घरों में घुसे रहे लोग तेंदुआ क्षेत्र में होने की सूचना तेजी के साथ फैली, जिसके बाद लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले। ज्वालानगर की गली नंबर एक से लेकर गली नंबर तीन तक सूनी पड़ी रहीं। लोग दहशत के मारे घरों में ही छिपे रहे। कई लोग तो अपने काम पर जाने के लिए भी घर से बाहर नहीं निकले। लोग घरों की छतों पर चढ़ गए।
पहले भी कई बार शहरी आबादी में आया तेंदुआ: यह पहली बार नहीं है जब शहरी आबादी में तेंदुआ भटक कर आ गया। इससे पहले मेरठ कैंट अस्पताल के पास तेंदुआ आ चुका है। इसके बाद आबूलेन में तेंदुआ आया। कुछ माह पहले मोदीपुरम में भी तेंदुआ आया था। खासी मशक्कत के बाद तेंदुए को पकड़ भी लिया जाता हैं, लेकिन तेंदुआ यहां कोतूहल का विषय बना हुआ हैं। हर तरफ तेंदुए की ही चर्चा हो रही हैं।
चार घंटे चला आपरेशन, नहीं मिला तेंदुआ: तेंदुए को पकड़ने के लिए चार घंटे दिन में आॅपरेशन चला, लेकिन तेंदुए का कोई पता नहीं चल सका। ढाई किलोमीटर की कांबिंग की गई, जहां पर तेंदुए का कोई पता नहीं चला। घनी आबादी में तेंदुआ कैसे पहुंचा, जिसकी जांच की जा रही हैं।
देर रात फिर से दिखा तेंदुआ: टीपी नगर स्थित लाल मंदिर के पास रात करीब 11 बजे दोबारा से तेंदुआ देखा गया। सूचना पर वन विभाग की टीम पहुंची और स्थानीय लोग वन विभाग की टीम के साथ गश्त करते रहे।
रात्रि में चलेगी पेट्रोलिंग और कांबिंग: वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. आरके सिंह के निर्देशन में वन विभाग की चार टीमों ने क्षेत्र के खाली पड़े प्लॉट, बंद मकानों में तलाशी अभियान चलाया। छतों पर चढ़कर दूर तक निगरानी की, लेकिन तेंदुआ नहीं दिखा। अब वन विभाग के अधिकारी क्षेत्र में ट्रैप कैमरा लगाने की तैयारी कर रहे है। साथ ही ड्रोन कैमरा की भी मदद लेने के लिए योजना तैयार की जा रही है। करीब ढाई किलोमीटर के क्षेत्र में कॉबिंग पूरी कर ली गई। घनी आबादी के बीच तेंदुआ कैसे पहुंचा? इसकी जांच की जा रही है। संभावना है कि तेंदुआ कहीं छिपकर बैठ गया है। इसके मद्देनजर रात में भी पेट्रोलिंग और कॉबिंग अभियान जारी रहेगा। -डीएफओ राजेश कुमार