उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए अवध की चार सीटें हैं बेहद अहम

अमेठी व रायबरेली में प्रत्याशी की घोषणा से पहले कांग्रेस इस ताकत का पूरा आकलन करने में जुटी

Update: 2024-04-29 05:51 GMT

लखनऊ: यूपी में सपा के साथ गठबंधन में कांग्रेस को अवध क्षेत्र में मिली चार सीटें प्रयोग की दृष्टि से बेहद अहम मानी जा रही हैं. इस बार का लोकसभा चुनाव दोनों दलों के साथ आने से बनने वाली साझा ताकत का इम्तहान भी होगा. अमेठी व रायबरेली में प्रत्याशी की घोषणा से पहले कांग्रेस इस ताकत का पूरा आकलन करने में जुटी है.

प्रदेश में कांग्रेस के कोटे में आई 17 सीटों में से चार सीटें राजधानी लखनऊ से आसपास की हैं. इनमें अमेठी व रायबरेली के अलावा सीतापुर व बाराबंकी सुरक्षित सीट शामिल है. इन सीटों के अलावा अन्य सीटें अलग-अलग क्षेत्रों में हैं, जहां चुनावी समीकरण भी अलग हैं. कांग्रेस ने सीतापुर से पूर्व विधायक राकेश राठौर और बाराबंकी सुरक्षित से तनुज पुनिया को प्रत्याशी घोषित कर रखा है, जबकि अमेठी व रायबरेली से प्रत्याशी की घोषणा अभी नहीं की गई है. दोनों क्षेत्रों के कांग्रेस कार्यकर्ता फिलहाल राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को संभावित प्रत्याशी मानकर चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. माना जा रहा है कि यदि अमेठी से राहुल गांधी चुनाव में नहीं उतरते हैं तो पूर्व एमएलसी दीपक सिंह को प्रत्याशी बनाया जा सकता है. वैसे प्रत्याशी की घोषणा वायनाड (केरल) में मतदान के बाद हो सकती है. राहुल गांधी ने दूसरी बार वायनाड से नामांकन किया है.

पिछली बार वह अमेठी से तो चुनाव हार गए थे लेकिन वायनाड से भारी मतों से चुनाव जीतने में सफल रहे थे. इसी तरह सोनिया गांधी के राज्यसभा सांसद चुन लिए जाने के कारण रायबरेली सीट भी खाली हो गई है. पार्टी को अब इस सीट पर नया उम्मीदवार उतारना है. कांग्रेस सूत्रों के अनुसार आसपास की इन चारों सीटों के चुनाव परिणाम के आधार पर दोनों दलों के बीच भविष्य में भी गठबंधन जारी रहने पर फैसला होने की संभावना है. पार्टी का एक धड़ा इस बार भी सपा के बजाए बसपा के साथ गठबंधन का पक्षधर था. यही वजह है कि कांग्रेस ने अंतिम समय तक बसपा को भी ‘इंडी’ गठबंधन में शामिल करने का प्रयास किया.

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