लखनऊ न्यूज़: वर्ष 2023-24 में प्रदेश की अर्थव्यवस्था में करीब चार लाख करोड़ रुपये की वृद्धि होगी. यह अनुमान राज्य सरकार द्वारा इस वित्तीय वर्ष के लिए पेश बजट के आंकड़ों में किया गया है. आर्थिक गतिविधियों को तेज करने के इरादे से ही केंद्र सरकार, बाजार, वित्तीय संस्थाएं आदि से करीब 83 हजार करोड़ रुपये कर्ज लिए जाने का अनुमान भी है.
सकल घरेलू उत्पाद (डीजीपी) निर्धारित अवधि एक साल में देश अथवा राज्य में उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य को कहते हैं. जीडीपी से आर्थिक गतिविधियों के स्तर का पता चलता है कि किस क्षेत्र में तेजी रही और किस क्षेत्र में गिरावट दर्ज की गई. जीडीपी का ग्राफ बढ़ने का अर्थ है कि राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है.
वित्त विभाग के आंकड़ें बताते हैं कि 2023-24 में राज्य का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2439171 करोड़ (24 लाख 39 हजार 171 करोड़) रुपये हो जाएगा. चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए एसजीडीपी का जो पुनरीक्षित अनुमान है वह 2048234 करोड़ (20 लाख 48 हजार 234 करोड़) रुपये है. इस प्रकार 2023-24 में जीडीपी में 390937 करोड़ का इजाफा होता दिख रहा है. वर्ष 2016-17 में राज्य की कुल जीडीपी 1247658 करोड़ (12 लाख 47 हजार 658 करोड़) रुपये ही थी. ये आंकड़ें बता रहे हैं कि करीब छह साल में ही राज्य की जीडीपी दोगुनी हो गई है. जीडीपी बढ़ने का प्रतिशत साल दर साल बढ़ता हुआ नजर आ रहा है.