प्रयागराज। हाईकोर्ट के अधिवक्ता पवन प्रकाश शुक्ला और उनकी पत्नी नेहा समेत चार मौतों के बाद रविवार की रात ऊंचवागढ़ी मोहल्ले में कोहराम मच गया। पवन अपनी मां मिथिलेश शुक्ला से कहकर घर से निकले थे कि साले-सरहज को मां विंध्यवासिनी और बाबा विश्वनाथ का दर्शन कराकर जल्द ही पत्नी, बच्चों के साथ घर लौट आएंगे, लेकिन उन्हे क्या पता था कि वह काल के गाल मे समा जायेगे।
बेटे-बहू की मौत की खबर सुनने के बाद घर मे कोहराम मच गया। ऊंचवागढ़ी निवासी गौरीशंकर शुक्ला के दो पुत्र और दो पुत्रियों को मिलकर चार संतानों में पवन प्रकाश सबसे बड़े थे। पवन एक दिन पहले ही अपनी पत्नी नेहा और पुत्रों बेटे अहान (5) व विहान (3) के साथ फूलपुर स्थित अपनी ससुराल रामगढ़ कोठारी गए थे। उनके साले अनुपम मिश्रा की बीती 10 मई को सैदाबाद के पास शादी हुई थी। शादी के बाद ससुरालवालों ने नए जोड़े को मां विंध्यवासिनी और बाबा विश्वनाथ के दर्शन की मनौती मानी थी।
इसके लिए उन्होंने पवन और नेहा को सास ज्योति ने बुलवाया था। पवन साले-सलहज की इसी मनौती को पूरा कराने के लिए ससुराल गए थे। पवन के पड़ोसी अक्षत तिवारी ने बताया कि वह बहुत ही मिलनसार और हंसमुख स्वभाव के थे। एक दिन पहले ही जब वह घर से पत्नी, बच्चों के साथ ससुराल जा रहे थे, तब जल्द ही वापसी का उन्होंने वादा किया था, लेकिन ईश्वर को शायद कुछ और ही मंजूर था। अक्षत के मुताबिक दोपहर बाद तक परिजनों और मोहल्ले वालों को इस हादसे के बारे में कुछ पता नहीं था।
परिजन भी रोजमर्रा के कार्यों में व्यस्त थे, लेकिन जब बनारस में हुए हादसे की जानकारी मिली तब चीखपुकार मच गई। पवन के छोटे भाई आशीष अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ तुरंत घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। हादसे में पवन उनकी सास और सास की मां के बाद उनकी पत्नी नेहा (30) की भी प्रयागराज के एक निजी अस्पताल में देर रात मौत हो गई।
चिकित्सकों के मुताबिक पवन के बेटे अहान (5) की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि, छोटे पुत्र विहान (3) को होश आ गया है। उनके साले अनुपम और सलहज पूजा को भी देर रात होश आ गया। सभी चार घायलों को आईसीयू में रखा गया है। रात को फूलपुर के अलावा ऊंचवागढ़ी से परिजनों के अलावा रिश्तेदारों और पड़ोसियों का अस्पताल में पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।
पवन की मां मिथिलेश शुक्ला कटरा स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा सहायक प्रबंधक के पद पर तैनात हैं। पुत्र की हादसे में मौत की खबर सुनकर वह गश खाकर गिर पड़ीं। किसी तरह उन्हें संभाला जाता रहा। वह अस्पताल में अपने बेटेे, बहू और पोतों के लिए तड़पती रहीं। अस्पताल में उपचार के दौरान बहू नेहा की मौत की जानकारी उनको नहीं दी गई। परिजनों ने उनको रात को ऊंचवागढ़ी स्थित घर पहुंचा दिया, जहां वह अकेले बिलखती रहीं।