HC के पूर्व चीफ जस्टिस ने प्रशासन पर उठाए सवाल बुलडोजर की कार्रवाई पूरी तरह से गैरकानूनी
HC के पूर्व चीफ जस्टिस ने प्रशासन पर उठाए सवाल बुलडोजर की कार्रवाई पूरी तरह से गैरकानूनी
उत्तर प्रदेश में बीती 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा में शामिल उपद्रवियों के खिलाफ योगी आदित्यनाथ सरकार सख्त रुख अपना रही है. यूपी के अलग अलग जिलों में उपद्रव करने वाले उपद्रवियों के आशियाने पर बुलडोजर (Bulldozer) गरज रहा है. इसी कड़ी में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) और जिला प्रशासन ने प्रयागराज हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद अहमद के घर पर भी बुलडोजर से कार्रवाई की. जिसको लेकर अब मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट तक जा पहुंचा है. जिला अधिवक्ता मंच के पांच अधिवक्ताओं की ओर से हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भेजे गए पत्र याचिका में दावा किया गया है कि पीडीए ने जिस मकान को ध्वस्त किया है, वास्तव में उस मकान की स्वामी जावेद की पत्नी परवीन फातिमा है.
याचिका में यह भी बताया गया है कि मकान परवीन फातिमा के निकाह से पहले ही उनके पिता ने उन्हें उपहार के रूप में दिया था. इसलिए जावेद का उस मकान और जमीन पर कोई स्वामित्व नहीं है, इस लिहाज से मकान का ध्वस्तीकरण कानून के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस ने भी प्रयागराज प्रशासन की कार्रवाई को अवैध बताया है. उन्होंने कहा है कि यह कानून के शासन पर एक सवाल है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया था कि ये पूरी तरह से गैरकानूनी है. भले ही आप एक पल के लिए भी मान लें कि निर्माण अवैध था, लेकिन करोड़ों भारतीय भी ऐसे ही रहते हैं, यह अनुमति नहीं है कि आप एक घर को ध्वस्त कर दें, जब उस घर का निवासी हिरासत में हों. यह कोई तकनीकी मुद्दा नहीं है बल्कि कानून के शासन का सवाल है.
बेटी ने की समर्थन की अपील, पिता को बताया बेकसूर
बता दें, प्रयागराज हिंसा का मुख्य आरोपी ठहराते हुए विकास प्राधिकरण (पीडीए) और जिला प्रशासन ने जावेद उर्फ पंप के दो मंजिला मकान को ध्वस्त कर दिया था. जिसके बाद उसकी बेटी आफरीन फातिमा ने सोशल मीडिया में समर्थन की अपील भी की थी. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन भी किया. जावेद की बेटी सुमैया ने कहना है कि जो मकान गिराया गया था, वह उनकी मां को उनके नाना ने गिफ्ट किया था. जावेद की बेटी ने दावा किया कि न तो जमीन और न ही घर उसके पिता ने बनाया था. वहीं, शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन में जावेद की भूमिका से भी उनकी बेटी आफरीन ने इनकार किया है. उन्होंने कहा कि जब शुक्रवार को हिंसा हुई, तो मेरे पिता नमाज के बाद सीधे घर आए. उन्होंने किसी भी तरह के हिंसक प्रदर्शन में शामिल होने से इनकार कर दिया.