संत कबीर नगर। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ सोहन गुप्ता ने कहा है कि गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में गर्भवती के लिए फोलिक एसिड बहुत ही आवश्यक होता है। अगर वह प्रथम त्रैमास में फोलिक एसिड नहीं लेती है तो उसके बच्चे के अन्दर जन्मजात विकृतियों के साथ ही साथ मानसिक विकृति भी आ सकती है। किसी भी महिला में गर्भावस्था का पता चलते ही तुरन्त उसको फोलिक एसिड देना शुरु कर दें। फोलिक एसिड केवल गर्भावस्था के तीन माह के अन्दर तक ही दिया जा सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि गर्भवती का पंजीकरण तीन माह के अन्दर ही करा दें, ताकि उसे गर्भावस्था के प्रथम त्रैमास में फोलिक एसिड मिल सके, तथा उसके बच्चे को जन्मजात विकृतियों से बचाया जा सके। यह बातें उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय खलीलाबाद के सभागार में नवनियुक्त एएनएम के 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण के दौरान उपस्थित एएनएम को सम्बोधित करते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि सम्पूर्ण गर्भावस्था के दौरान चार बार प्रसव पूर्व जांच और कम से कम एक बार विशेषज्ञ चिकित्सक से गर्भवती की जांच करा लेनी चाहिए, ताकि इस दौरान उसे कोई दिक्कत हो तो पहले ही पता चल सके और उसका एचआरपी के तौर पर चिन्हीकरण हो सके।
उन्होंने बताया कि जिले में कुल 39 नई एएनएम आई हैं, जिनको प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस दौरान प्रशिक्षक व पीएचसी बूधा कला के प्रभारीडॉ देश दिनकर त्रिपाठी ने कहा कि गर्भावस्था के दौरान गर्भवती के पोषण स्तर का बहुत ही ध्यान देने की आवश्यकता होती है। गर्भवती को प्रोटीनयुक्त भोज्य पदार्थ दाल, सोयाबीन, दूध आदि देना चाहिए। इस मौके पर प्रशिक्षक इम्तियाज अहमद, बशीर अहमद खान तथा अन्य लोगों ने एएनएम को प्रशिक्षित किया। इस दौरान प्रशिक्षु एएनएम संयोगिता चौधरी ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान व्यवहारिक ज्ञान मिल रहा है। यह हमारे काम में बहुत ही सहायक होगा। वहीं प्रेमशीला यादव ने बताया कि हमें सरकारी योजनाओं को जमीन पर ले जाने के लिए बहुत ही बेहतर जानकारियां प्राप्त हुई हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षु एएनएम प्रशिक्षकों से सवाल भी पूछ रही हैं। और प्रशिक्षक उन्हें आवश्यक जवाब भी दे रहे हैं। प्रशिक्षु शिल्पी पटेल, जया उपाध्याय तथा निशा ने पोषण के बारे में सवाल पूछे। इस दौरान प्रशिक्षक एवं स्वास्थ्य शिक्षा व सूचना अधिकारी राजेश सिंह ने बताया कि एक गर्भवती को पोषण चार्ट के अनुसार तथा चार एएनसी जांच के दौरान गर्भवती के अन्दर जिस प्रकार के पोषक तत्व की कमी हो, उसकी पूर्ति के लिए पोषण दिया जाय। यही नहीं गर्भावस्था के तीन माह के बाद आयरन फोलिक एसिड का सेवन जरुर कराएं। अगर महिला एनीमिक या सीवीयर एनिमिक हो तो उसी के अनुसार उसको भोजन का डोज दिया जाना चाहिए।