जनता से रिश्ता वेबडेस्क : बरसात का मौसम है। कई दूसरे राज्यों में बाढ़ आई हुई है। गंगा, रामगंगा और सहायक नदियों में जलस्तर बढ़ने लगा है। हालांकि ये सभी खतरे के निशान से नीचे हैं। फिर भी रेलवे ने लोको पायलट्स को अलर्ट जारी कर दिया है। जिन नदियों में पानी अधिक हैं। उनपर बने पुलों से गाड़ियों को 10 से 15 किलोमीटर की रफ्तार से गुजारा जाएगा। रेलवे ट्रैक के किनारे पानी होने पर ट्रेनों की रफ्तार 30-35 किमी रहेगी।
इज्जतनगर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह का कहना है कि मानसून पेट्रोलिंग कराई जाती है। गश्त करने वाले कर्मी कंटोल को सूचना देते हैं कि कहां खतरा है। उस अनुसार ट्रेनों की रफ्तार कम करा दी जाती है। बरसात के मौसम में इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। बड़ौदा ऑफिस के सेफ्टी और ऑपरेटिव विभाग की ओर से अलर्ट जारी होता है। गंगा, रामगंगा, भाखड़ा, बहगुल आदि नदियों में भी जलस्तर कुछ बढ़ा है। इसलिए सभी लोको लॉबी को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं।
ट्रैक धंसने का रहता डर
रेल अधिकारियों ने बताया कि बरसात में ट्रैक किनारे पानी भर जाता है। ट्रैक की मिट्टी धंसने से पटरी अव्यवस्थित होने का डर रहता है। इसलिए जहां ट्रैक किनारे पानी भरा है, वहां गाड़ियों की रफ्तार 30 से 35 किलोमीटर प्रतिघंटा रखने के निर्देश दिए गए हैं। कछला, गढ़, रामगंगा, भाखड़ा, गर्रा आदि जो बड़े पुल हैं, वहां से सवारी गाड़ियों को 10 से 15 और मालगाड़ियों 20 से 25 की रफ्तार से निकाला जाएगा। हालांकि रफ्तार नदियों के जलस्तर को ध्यान में रखकर बढ़ाई-घटाई जाएगी।
source-hindustan