नोएडा: शादी के दो साल बाद पहला बच्चा और दो बच्चों के बीच तीन साल का अंतर रहेगा तो परिवार खुशहाल रहेगा और मां-बच्चों का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा। यह बात शुक्रवार को नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर पर आयोजित सास-बेटा-बहू सम्मेलन में उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन (एनयूएचएम) के नोडल अधिकारी डा. जैसलाल ने कही।
डा. जैसलाल ने छोटे परिवार के लाभ और सास-बेटा-बहू सम्मेलन के उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा- छोटा परिवार होने पर बच्चों की परवरिश, शिक्षा-दीक्षा, खानपान, बहुत अच्छी तरह से होता है, बड़े परिवार के फायदे कम नुकसान ज्यादा हैं, परिवार जितना बड़ा होता जाता है चीजों का बंटवारा उतना ही ज्यादा हो जाता है और सभी बच्चों की परवरिश भी ठीक नहीं हो पाती। उन्होंने कहा- अच्छी परवरिश और शिक्षा के लिए दो बच्चे ही अच्छे होते हैं।
जिला अपर शोध अधिकारी केके भास्कर ने कहा- परिवार नियोजन के लिए सरकार ने कई साधन (बास्केट ऑफ च्वाइस) उपलब्ध कराए हैं। पुरुषों के लिए निरोध (कंडोम) और महिलाओं के लिए इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), त्रिमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतर, गर्भ निरोधक गोली छाया व माला है। बच्चों के बीच अंतर रखने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा सकता है। परिवार पूरा होने पर स्थायी साधन (नसबंदी) अपना सकते हैं।
नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रायपुर की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा. सोमा दायमा ने परिवार नियोजन के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा- स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म देती है। मां कमजोर होगी तो बच्चा भी कमजोर पैदा होगा। पहला बच्चा होने के बाद कम से कम तीन साल बाद दूसरा बच्चा प्लान करना चाहिये। प्रसव के बाद महिला शीरीरिक रूप से कमजोर हो जाती है। इसलिए बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखना जरूरी है। डा. सोमा ने सम्मेलन में प्रतिभागियों के सभी सवालों के जवाब दिये और उनकी जिज्ञासा शांत की। उन्होंने बताया- सम्मेलन में परिवार नियोजन को लेकर दिये गये परामर्श का प्रभाव दिखा और तत्काल दो महिलाओं ने त्रिमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा लगवाया।
परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने भी छोटे परिवार के फायदे बताये। उन्होंने बताया- परिवार नियोजन के सभी साधन सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध हैं। अपने नजदीकी केन्द्र पर जाकर इसका लाभ ले सकते हैं।
सम्मेलन में एक मंच पर परिवार नियोजन को लेकर बातचीत हुई और लोगों ने अपने अनुभव साझा किये। सवालों के माकूल जवाब देने वाले पति, सास और बहू को पुरस्कृत किया गया। पहला पुरस्कार पति रवि, दूसार पुरस्कार सास सुदेश और तीसरा पुरस्कार बहू कौशल्या को मिला। सम्मेलन का आयोजन आशा कार्यकर्ता- अनुराधा, पुष्पा व विनेश की ओर से किया गया। कार्यक्रम में स्टाफ नर्स किरण सहित यूपीएचसी के समस्त स्टाफ का विशेष सहयोग रहा।