खारिज नहीं होगी एफआईआर आशू दिवाकर की गिरफ्तारी तय

Update: 2023-09-30 09:49 GMT
उत्तरप्रदेश |  किसान बाबू सिंह यादव की आत्महत्या के प्रकरण में आरोपित भाजपा नेता व बाल संरक्षण आयोग के सदस्य डॉ. प्रियरंजन उर्फ आशू दिवाकर को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली. एफआईआर निरस्त करने वाली याचिका को सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया. अब भाजपा नेता या तो सरेंडर करेगा या फिर गिरफ्तारी होगी. हाईकोर्ट में आशू दिवाकर के सामने शासन के वकील के अलावा किसान की बेटियों ने भी अपने वकील को खड़ा किया था. वकीलों ने भाजपा नेता की याचिका का पुरजोर विरोध किया.
दरअसल, आशू दिवाकर ने एफआईआर खारिज करने के लिए 23 को एक याचिका हाईकोर्ट में पंजीकृत की थी. 27 को उसपर सुनवाई की तारीख तय कर दी गई थी. की सुबह भाजपा नेता की तरफ से दो वरिष्ठ वकीलों ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह एफआईआर गलत तथ्यों के आधार पर लिखाई गई है. भाजपा नेता को जमीन के विवाद के बारे में कोई जानकारी नहीं है. इसके अलावा कहा गया कि किसान ने आत्महत्या नहीं की बल्कि वह एक दुर्घटना थी, उन्हें पूरे मामले में फर्जी फंसाने का प्रयास किया जा रहा है.
इसके विरोध में शासन की तरफ से मौजूद अधिवक्ता के अलावा न्याय संघर्ष समिति की मदद से किसान की बेटियों के वकील ने अपना पक्ष रखा. बताया कि आशू दिवाकर ही घटना का मास्टर माइंड है उसकी की वजह बाबू सिंह ने आत्महत्या की. आशू ने ही जमीन बिकवाई और किसान से चेक छीन लिए थे.
बीस मिनट तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट के फैसले के बाद भाजपा नेता की पैरवी करने वाले लोग भी धीरे-धीरे पीछे हट रहे हैं.
पुलिस ने कर रखी थी पूरी तैयारी भाजपा नेता को हाईकोर्ट से राहत न मिले इसके लिए पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी थी. यहां से बाकयदा एक राजपत्रित अधिकारी को हाईकोर्ट भेजा गया. वहां शासकीय अधिवक्ता से ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी पल-पल का अपडेट ले रहे थे. पुलिस ने अब तक जो कार्रवाई की है उसके पूरे दस्तावेज अर्जी के साथ तैयार कर शासकीय अधिवक्ता को पहुंचा दिए गए थे. जिससे कोर्ट कोई दस्तावेज की मांग करे तो वह पहले से उपलब्ध रहें. वहीं सुनवाई के दौरान याचिका का पुरजोर विरोध किया गया.
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