BJP नेता के ड्राइवर की हत्या के मामले में एफ आई आर दर्ज, जानिए कैसे
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheri) जिले में 3 अक्टूबर को हुई तिकुनिया हिंसा के क्रॉस केस मामले में शुक्रवार को सीजेएम अदालत में दाखिल की गई चार्जशीट में कई अनसुलझे सवालों की गुत्थी खुल गई. चार्जशीट (Chargesheet) में इस बात का खुलासा हुआ कि किस तरह आरोपियों ने बीजेपी नेता की होर्डिंग जलाने से लेकर थार गाड़ी में आग लगाई थी
जनता से रिश्ता वेबडेस्क| उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखीमपुर खीरी (Lakhimpur kheri) जिले में 3 अक्टूबर को हुई तिकुनिया हिंसा के क्रॉस केस मामले में शुक्रवार को सीजेएम अदालत में दाखिल की गई चार्जशीट में कई अनसुलझे सवालों की गुत्थी खुल गई. चार्जशीट (Chargesheet) में इस बात का खुलासा हुआ कि किस तरह आरोपियों ने बीजेपी नेता की होर्डिंग जलाने से लेकर थार गाड़ी में आग लगाई थी. मौके से वायरल हुए वीडियो क्लिप्स और जीपीएस लोकेशन के जरिए SIT ने चार आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है. एसआईटी ने इसी मामले में दर्ज केस के आरोपियों को गवाह भी बनाया है, जिनकी गवाही अहम मानी जा रही है.
एसआईटी की ओर से सीजेएम अदालत में दाखिल चार्जशीट में तीन अक्तूबर को हुई वारदात की पूरी तस्वीर बयां की गई. चार्जशीट में बताया गया है कि किस तरह आरोपियों ने बीजेपी नेता की होर्डिंग बोर्ड जलाने से लेकर नारेबाजी करते हुए हंगामा और बखेड़ा शुरू किया. आरोपियों ने पूरा गुस्सा थार गाड़ी पर निकाला, जिसके लिए आरोपियों ने दुर्घटनाग्रस्त हुई दूसरी गाड़ी से पेट्रोल निकाला था. फिर उसी पेट्रोल से आगजनी की घटना को अंजाम दिया था.
अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू की तो मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा का ड्राइवर हरिओम मिश्र हमलावरों की पकड़ में आ गया, जिसकी ओर से बार-बार जान बचाने की गुहार के बावजूद उसे पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया. एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में वीडियो क्लिप और फोटोग्राफ सहित जीपीएस लोकेशन को आधार बनाया है. उसके आधार पर आरोपियों की धड़-पकड़ भी की गई थी. एसआईटी ने अदालत में वारदात से जुड़े वीडियो साक्ष्य भी दाखिल किए हैं. इसमें आरोपियों की मौके पर मौजूदगी भी साबित हुई है. मामले में गुरविंदर सिंह, कमलजीत सिंह और गुरुप्रीत सिंह के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट पीटकर हत्या करने, बलवा और आगजनी समेत कई धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. जबकि, विचित्र सिंह के खिलाफ गाली गलौज, नुकसान पहुंचाने और आगजनी की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल हुआ है. मामले में तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में रिहा किया गया है.
तीन आरोपी तो तीन गवाह जेल में बंद
क्रॉस केस मामले में एसआईटी की ओर से दाखिल चार्जशीट में गवाह नंबर एक के रूप में सभासद सुमित जायसवाल को नामित किया गया है. तो अन्य 45 गवाहों में सबसे अहम गवाही लवकुश और आशीष पांडे की है. जिन्हें तिकुनिया हिंसा मामले में अभियुक्त भी बनाया गया है. वह मौके पर वारदात में चोटिल भी हुए थे. भले ही वह तिकुनिया हिंसा के मामले में आरोपी हैं लेकिन क्रॉस केस मामले में उनकी गवाही सबसे अहम मानी जा रही है.
एक साथ होगी सुनवाई
तिकुनिया हिंसा के क्रॉस केस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद भले ही सरकार बनाम आशीष मिश्र मोनू नाम की फाइल जिला जज अदालत में सुपुर्द की जा चुकी हो. लेकिन कानून के जानकार बताते हैं कि क्रॉस केस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब दोनों ही मामलों की सुनवाई एक साथ की जाएगी. इसके लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद एक फरवरी को क्रॉस केस की पत्रावली सीजेएम अदालत में पेश होगी. जो कि सुनवाई की अंतिम पेशी होगी. विधि विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसी दिन पत्रावली जिला अदालत में भी पेश की जा सकती है.
अराजक तत्वों ने पत्थरबाजी शुरू की तो मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा का ड्राइवर हरिओम मिश्र हमलावरों की पकड़ में आ गया, जिसकी ओर से बार-बार जान बचाने की गुहार के बावजूद उसे पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया. एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में वीडियो क्लिप और फोटोग्राफ सहित जीपीएस लोकेशन को आधार बनाया है. उसके आधार पर आरोपियों की धड़-पकड़ भी की गई थी. एसआईटी ने अदालत में वारदात से जुड़े वीडियो साक्ष्य भी दाखिल किए हैं. इसमें आरोपियों की मौके पर मौजूदगी भी साबित हुई है. मामले में गुरविंदर सिंह, कमलजीत सिंह और गुरुप्रीत सिंह के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं की पीट पीटकर हत्या करने, बलवा और आगजनी समेत कई धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. जबकि, विचित्र सिंह के खिलाफ गाली गलौज, नुकसान पहुंचाने और आगजनी की धाराओं में आरोपपत्र दाखिल हुआ है. मामले में तीन आरोपियों को सबूतों के अभाव में रिहा किया गया है.
तीन आरोपी तो तीन गवाह जेल में बंद
क्रॉस केस मामले में एसआईटी की ओर से दाखिल चार्जशीट में गवाह नंबर एक के रूप में सभासद सुमित जायसवाल को नामित किया गया है. तो अन्य 45 गवाहों में सबसे अहम गवाही लवकुश और आशीष पांडे की है. जिन्हें तिकुनिया हिंसा मामले में अभियुक्त भी बनाया गया है. वह मौके पर वारदात में चोटिल भी हुए थे. भले ही वह तिकुनिया हिंसा के मामले में आरोपी हैं लेकिन क्रॉस केस मामले में उनकी गवाही सबसे अहम मानी जा रही है.
एक साथ होगी सुनवाई
तिकुनिया हिंसा के क्रॉस केस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद भले ही सरकार बनाम आशीष मिश्र मोनू नाम की फाइल जिला जज अदालत में सुपुर्द की जा चुकी हो. लेकिन कानून के जानकार बताते हैं कि क्रॉस केस मामले में चार्जशीट दाखिल होने के बाद अब दोनों ही मामलों की सुनवाई एक साथ की जाएगी. इसके लिए कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद एक फरवरी को क्रॉस केस की पत्रावली सीजेएम अदालत में पेश होगी. जो कि सुनवाई की अंतिम पेशी होगी. विधि विशेषज्ञों का अनुमान है कि इसी दिन पत्रावली जिला अदालत में भी पेश की जा सकती है.