बरेली। भाई दूज के मौके पर शहर के दोनों बस अड्डों पर यात्रियों की भीड़ उमड़ पड़ी। यात्रियों की संख्या के आगे बसें भी कम पड़ गई। जिसके चलते डग्गामार वाहन चालकों ने जमकर चांदी काटी। प्राइवेट वाहन चालकों ने यात्रियों से मनमाना किराया भी वसूला। किसी भी स्थिति में घर जाने की जल्दी के चलते यात्रियों ने मजबूरी में अधिक किराया भी दिया। गुरुवार सुबह से रात तक डग्गामार वाहन दौड़ते रहे लेकिन जिम्मेदार सरकारी महकमों ने इन्हें पकड़ने की जहमत नहीं उठाई।
गुरुवार को सुबह से पुराना और सेटेलाइट बस अड्डा पर यात्रियों की भीड़ बढ़ना शुरू हो गई। सुबह 11 बजे तक बस अड्डों पर अधिक संख्या में यात्री हो गए। सीट पाने के लिए यात्री खिड़की का सहारा लेते हुए दिखाई दिए। रोडवेज की तरफ से भाई दूज के मौके पर रीजन की सभी बसें चलाने का दावा किया था। मगर गुरुवार को रोडवेज का यह दावा पूरी तरह से फेल होता नजर आया। पुराना बस अड्डा पर सबसे ज्यादा भीड़ रामपुर व मुरादाबाद जाने वाली बहनों की रही।
इस दौरान मेरठ व दिल्ली की कई बसें आईं मगर किसी ने भी रामपुर व मुरादाबाद की सवारियों को नहीं बैठाया गया। परेशान सवारियों के पूछने पर चालक-परिचालकों का तर्क था कि बस सीधे बाईपास से निकलेगी। बसे नहीं मिलने से यात्री डग्गामार वाहनों में अधिक सफर करते हुए नजर आए। वहीं बसों के इंतजार में यात्री घंटों इंतजार करते रहे। भीड़ होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हुई। हालांकि परिवहन निगम ने बसों की संख्या बढ़ाई, लेकिन सभी इंतजाम कम पड़ गए।
अधिक भीड़ होने से हुई मारपीट
भाई दूज पर रोडवेज बसों को लेकर मारामारी रही। घंटों इंतजार के बाद बस मिली तो उसमें सीट को लेकर काफी मारामारी रही। सेटेलाइट बस अड्डे पर चालक और यात्रियों के बीच जमकर मारपीट भी हुई।
खचाखच भरकर चले डग्गामार वाहन
चौपुला से बदायूं आंवला और दातागंज के लिए बड़े पैमाने पर डग्गामार वाहन चलते हैं। गुरुवार को डग्गामार वाहन खचाखच भरकर चले। बसें नहीं मिलने पर बहुत सी बहनों ने डग्गामार वाहन में जोखिम भरा सफर तय किया, तब कहीं जाकर अपने भाइयों के घर पहुंचीं। डग्गामार वाहन चालकों ने यात्रियों से मनमाना किराया वसूल किया। इसी तरह सेटेलाइट से पीलीभीत और बीसलपुर जाने के लिए भी लोग डग्गामार वाहनों का सहारा लेते हुए नजर आए।