उन्नाव। उन्नाव जिला कारागार में हत्या के आरोप में बंद युवक की बुधवार सुबह अचानक हालत बिगड़ गई। जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल भेजा। जहां मौजूद डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि उसकी रास्ते में ही मौत हो गई थी। दो डाक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम किया और ऐतिहातन बिसरा सुरक्षित किया गया।
बता दें कि अमरपाल (35) पुत्र रामचरन निवासी सुल्तानपुर थाना बिहार पत्नी रिंकी से अक्सर मारपीट करता था। अक्टूबर-18 में मारपीट की जानकारी उसने असईखेड़ा निवासी अपने भाई अंकित को दी। अंकित अपने दोस्त अवधेश के साथ बहन की ससुराल पहुंचा। अमरपाल ने दोनों को देख उन पर हमला बोल दिया था। जिसमें अवधेश को गंभीर चोटें आई थीं। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। साले अंकित की तहरीर पर पुलिस ने अमरपाल के खिलाफ हत्या के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज कर उसे जेल भेजा था। करीब पांच दिन बाद उसकी मौत होने पर मामले में हत्या की धारा बढ़ी थी। तभी से मामला कोर्ट में विचाराधीन था। जहां उसे कोर्ट ने दोषी भी करार दे दिया था।
बुधवार को सजा पर बहस होनी थी और 30 सितंबर को फैसला आना था। लेकिन कोर्ट में जाने से पहले ही उसकी हालत बिगड़ गई। जेल प्रशासन ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। अस्पताल के मेमो पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया। दो डॉक्टरों के पैनल में शामिल डॉ. आशुतोष वार्ष्णेय व हसनगंज सीएचसी के डॉ. रोहित सिंह ने वीडियोग्रॉफी के बीच देरशाम शव का पोस्टमार्टम किया। जिसमें हृदयगति रुकने से मौत होने की पुष्टि हुई है। लेकिन ऐतिहातन बिसरा सुरक्षित किया गया हैं।
जेल अधीक्षक राम शिरोमणि यादव ने बताया कि बंदी की अचानक हालत बिगड़ी थी। उसे जिला अस्पताल भेजा गया था। परिजनों को सूचना देकर शव का पोस्टमार्टम कराया गया है।