डेयरी सेक्टर में निवेश के लिए यूपी में अनुकूल माहौल: योगी आदित्यनाथ
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नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डेयरी सेक्टर के निवेशकों के लिए उत्तर प्रदेश को अपार संभावनाओं वाला राज्य बताया है। इंडिया एक्सपो सेन्टर एंड मार्ट, ग्रेटर नोएडा में सोमवार से शुरू हुए विश्य डेयरी सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व भारत सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश सरकार अपने अन्नदाता किसानों व पशुपालकों के स्वावलंबन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उत्तर प्रदेश में डेयरी सेक्टर में निवेश के लिए अनुकूल माहौल है। बुन्देलखण्ड में महिला स्वयंसेवी समूह द्वारा संचालित बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर संस्था की शानदार कोशिशों को साझा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र में बलिनी मिल्क प्रोड्यूसरश् संस्था द्वारा वर्तमान में प्रतिदिन 1.35 लाख लीटर दुग्ध का कलेक्शन होता है, लगभग 150 करोड़ का वार्षिक टर्नओवर है, जिसमें 13 करोड़ का नेट प्रॉफिट होता है। यह संस्था झांसी को केंद्र बनाकर बुन्देलखण्ड के 06 जिलों में काम करती है। इसके 41 हजार सदस्य हैं, जो 795 गांवों में दूध इकट्ठा करते हैं। डेयरी सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल करने में बलिनी जैसी मिल्क उत्पादक संस्थाओं का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि बलिनी जैसी 04 और संस्था प्रदेश में क्रियाशील हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में डेयरी सेक्टर को मजबूत कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड की साझेदारी में ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट संचालित है। दुग्ध संघ वाराणसी के परिसर 10 हजार क्यूबिक मीटर क्षमता का बायो प्लांट भी स्थापित किया जा रहा है। विभिन्न देशों से आए प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि राज्य सरकार डेयरी सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए नई नीति लेकर आई है। इसमें निवेशकों को अधिकाधिक इंसेंटिव देने की व्यवस्था होगी तो विश्व के विभिन्न देशों में डेयरी सेक्टर के बेस्ट प्रैक्टिसेज से उत्तर प्रदेश के किसानों को जागरूक भी किया जाएगा। योगी ने कहा कि प्रदेश में जनवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट प्रस्तावित है। इसके तहत डेयरी सेक्टर से जुड़े किसानों व पशुपालकों के जीवन में परिवर्तन लाने, उन्हें रोजगार सृजन के साथ निवेश की संभावनाओं को आगे बढ़ाने का कार्य होगा। गोवंश संरक्षण और संवर्धन की कोशिशों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 6,600 से अधिक गो-आश्रय स्थल संचालित हैं। चार दिन तक चलने वाला आईडीएफ डब्ल्यूडीएस-2022 सम्मेलन 12 से 15 सितंबर तक आयोजित किया जा रहा है। इसमें दुनिया के और भारतीय डेयरी हितधारक हिस्सा ले रहे हैं। इसमें उद्योग जगत के लीडर, विशेषज्ञ, किसान और नीति निर्माता शामिल हैं। यह सम्मेलन पोषण और आजीविका के लिए डेयरी विषय पर केंद्रित है।