मेरठ न्यूज़: महाभारत, जिसकी धुरी पर देश का इतिहास, उसका गौरव और संस्कृति सब कुछ निर्भर है, उसी महाभारतकालीन गंगा पर आए संकट को दूर करने के लिए उसके लिए संकट मोचक बने एक व्यक्ति ने अब आर पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। मामला हस्तिनापुर की बूढ़ी गंगा से जुड़ा है। यहां भूमाफियाओं की टेढ़ी तिरछी नजरों, लगातार हो रहे अतिक्रमण एवं शासन प्रशासन की ढिलाई के चलते बूढ़ी गंगा का इतिहास अब खुद 'इतिहास के पन्नो' में सिमटता दिखाई दे रहा है। यहां के महत्व से भली भांति वाकिफ प्रो. प्रिंयक भारती ने बूढ़ी गंगा को भूमाफियाओं की काली छाया से छुटकारा दिलाने के लिए शासन प्रशासन के दर पर लाख मिन्नतें की, लेकिन उनकी मांग को अभी होल्ड पर रखा गया है। यहां हो रहे अवैध निर्माणों को रोकने की मांग को लेकर प्रो. प्रियंक भारती ने आत्मदाह तक करने की घोषणा कर दी। बाकायदा आत्मदाह की उन्होंने पुलिस प्रशासन के यहां अर्जी तक लगा दी। पुलिस ने उनकी अर्जी को रिजेक्ट कर दिया। प्रो. प्रियंक भारती के अनुसार मुख्यमंत्री से लेकर कमिश्नर, डीएम और एसडीएम तक गुहार लग चुकी है, लेकिन मामला वही ढाक के तीन पात वाला है।
वो बताते हैं कि इस मामले में कुछ अधिकारी जरुर एक्शन मोड में आते हैं, लेकिन थाना स्तर पर तैनात पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। इस मामले में उन्होंने सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को भी कठघरे में खड़ा किया। सारे प्रयोग कर थक हार चुके प्रो. प्रियंक ने अब बीड़ा खुद अपने कांधों पर उठाया है और ऐलान किया है कि यदि बूढ़ी गंगा को भूमाफियाओं के चंगुल से मुक्त नहीं कराया जाता तो वो आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन आमरण अनशन शुरू करेंगे और यदि जरुरत पड़ी तो आत्मदाह करने से भी पीछे नहीं हटेंगे।