Farrukhabad: हत्या के मामले में एक पर दोष सिद्ध हुआ
"सजा पर सुनवाई 3 फरवरी को"
फर्रुखाबाद: विशेष न्यायाधीश इसी एक्ट न्यायाधीश डॉ0 अनिल कुमार सिंह ने हत्या के आरोप में दोष सिद्ध करते हुए सतीश को न्यायिक अभिरक्षा मे लेने का आदेश पारित किया है। सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए 03 फरवरी की तिथि नियत की है।
बीते लगभग 24 वर्ष पूर्व पीडि़त रामपाल पुत्र लोकनाथ खुडिऩाखार थाना शमशाबाद ने पुलिस को दी गयी तहरीर में बताया कि दिनांक 06.03.2001 को मेरा लडक़ा प्रदीप कुमार उर्फ लल्लू उम्र 8 वर्ष रोज की तरह समय करीब 9 बजे सुबह खेलते-खेलते मेरे पड़ोसी सतीशचंद्र पुत्र मदन लाल किसान के घर चला गया था। जब मैं ख्रेत से घर आया, तो मेरी पत्नी ने बताया कि लल्लू सुबह से घर नहीं आया है। मैंने लल्लू को तलाश किया, तो मेरे पड़ोसी रघुवीर पुत्र गुलजारी लाल व प्रेमचंद्र पुत्र नानकराम ने बताया कि तुम्हारे लडक़े लल्लू को दिन में करीब २ बजे सतीशचंद्र के आंगन में खेलते देखा था। उस समय सतीशचंद्र व उसके पिता मदनलाल पुत्र सालिगराम बच्चे के पास मौजूद थे। लडक़ा सतीशचंद्र के पास खेल रहा था। इस पर मैंने मगनलाल व सतीशचंद्र से पूछा, तो बताया कि तुम्हारा लडक़ा आया जरुर था वह उसी समय चला गया था। इसके बाद मैंने इधर उधर काफी तलाश किया, मगर कोई पता नहीं चला। दिनांक 08.03.2001 को गांव के बहुत से लोग एकत्रित हुए और सबने कहा कि पहले सतीशचंद्र के घर में देखा जाये।
इस पर मैं व मेरे पड़ोसी रघुवीर, प्रेमचंद्र तथा गांव के बहुत से लोग सतीशचंद्र के घर की तरफ चले, तो सतीश व उनके पिता मदनलाल घर छोडक़र भाग गये। हम लोगों ने सतीशचंद्र के घर में जाकर देखा, तो कमरे के उत्तर तरफ एक पैर लटक रहा था। टार्च जलाकर देखा तो मेरे बच्चे की लाश पड़ी हुई थी। जो पत्तों से ढकी हुई थी। बच्चे की गर्दन व पेट पर चोट के निशान थे। मेरे बच्चे प्रदीप की सतीश व मदन लाल ने हत्या कर दी। विवेचक ने साक्ष्य गवाह के आधार पर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। बचाव पक्ष की दलील व शासकीय अधिवक्ता की कुशल पैरवी के आधार पर विशेष न्यायाधीश इसी एक्ट न्यायाधीश डॉ0 अनिल कुमार सिंह ने सतीश को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया। सजा के बिन्दु पर सुनवाई के लिए ०३ फरवरी की तिथि नियत की गयी है।