सम्मान निधि के लिए किसानों को अब चुनाव होने का इंतजार करना होगा
सम्मान निधि की किस्त अटकने से किसान परेशान
गाजियाबाद: आधार खाते से लिंक न होने और दूसरे कारण के चलते रुकी सम्मान निधि के लिए किसानों को चुनाव होने का इंतजार करना होगा. आचार संहिता लगने के चलते किसानों को सम्मान निधि नहीं मिल सकेगी. जिले में अलग अलग स्थान के कुल पांच हजार से अधिक किसानों की सम्मान निधि रुकी हुई है.
वर्ष -19 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की थी. इसके तहत जरूमंद किसानों को वर्ष में तीन किस्तों में 6 हजार रुपये दिए जाते हैं. वर्तमान में जिले में 53121 किसान सम्मान निधि से लाभांवित हैं. गत माह योजना के तहत किसानों की सम्मान निधि की किस्त दी गई थी. ऐसे किसान जिनकी पिछली कई बार किस्त रूक गई थी, उनकी किस्त भी जुड़कर आ गई है.
इसके बाद भी जिले में करीब पांच हजार किसान ऐसे हैं जो कि इस बार भी अपनी सम्मान निधि किस्त से वंचित रह जाएंगे. इसका कारण किसानों के आधार का एनपीसीआई से लिंक न होना बताया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि कागजी कार्रवाई के दौरान किसानों को एनपीसीआई से लिंक कराने के संबंध में पहले से ही बताया जाता है. कई बार जनसेवा केंद्र संचालकों की लापरवाही के चलते किसानों का पंजीकरण नहीं हो पाता है.
ऐसे किसान जिनकी कोई बंधी आमदनी नहीं है, उनके लिए सम्मान निधि काफी महत्वपूर्ण है. किस्त के माध्यम से छोटे-मोटी जरूरत पूरी होती है.
-सत्यवीर शर्मा, कन्नौजा
किसानों को एनपीसीआई से लिंक कराने के संबंध में पहले से ही जानकारी दी गई थी. कई बार जनसेवा केंद्र संचालकों की लापरवाही के चलते कागजी कार्रवाई पूरी तरह से नहीं हो पाती है. कागजी कार्रवाई होने पर चुनाव के बाद किसानों के खाते में किस्त भेजी जाएगी. -रामजतन मिश्रा, कृषि उपनिदेशक