अयोध्या। सूखे की मार झेल चुके किसानों को बीते दिनों 36 घंटे लगातार हुई बारिश ने गहरे जख्म दिए हैं। नतीजा है कि सोहावल में पानी में डूबी फसल को देखते ही एक किसान की तबीयत बिगड़ी और मौत हो गई। अन्य चारों तहसीलों में भी फसलों की हालत सही नहीं हैं। पानी से लबालब भरे खेतों में फसलें सड़ने लगी हैं। तीन दिन पहले हुई बरसात ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। हालांकि शासन ने बारिश के बाद हुए नुकसान का सर्वे कराने का निर्देश दिया है, लेकिन मुआवजा सिर्फ उन्हीं को मिलेगा, जिनका 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान हुआ है।
बीकापुर प्रतिनिधि के अनुसार क्षेत्र में सैकड़ों बीघा धान की फसल क्षतिग्रस्त होने की आशंका जताई जा रही है। अगेती धान की फसल में पर्याप्त मात्रा में दाना आ गया है। प्रगतिशील किसान रामनगर निवासी राजेश यादव, राजाराम पाल, उमरनी पिपरी गांव निवासी कपिल देव पाठक का कहना है कि बारिश जारी रही तो किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। नुवावा वैदरा के किसान राम जियावन की पांच बीघा व बरहुपुर गांव निवासी मंसाराम चौरसिया का 7 बीघा गन्ना गिर गया।
किसानों ने बताया कि गन्ने की फसल गिरने से उनमें रोग और चूहे लग सकते हैं। गन्ना व धान की फसल गिर जाने व खेत मे जलभराव के चलते महावा शुक्लहिया गांव निवासी किसान कमल कुमार शुक्ला अपनी लागत निकालने को लेकर चिंतित हैं। पूराबाजार के किसान त्रिलोकी नाथ तिवारी ने बताया कि 6 बीघा धान और 5 बीघा गन्ना बरसात के पानी में गिर कर सड़ रहा है। खेती से होने वाली आमदनी से ही घर गृहस्ती चलती है।
ओम नारायन के पास थी एक बीघा जमीन, दिमाग की फटी नस
सोहावल तहसील क्षेत्र मोइय्या कपूरपुर के मजरे शुक्लन पुरवा निवासी 55 वर्षीय किसान ओम नारायन शुक्ल 6 अक्तूबर को धान के खेत में गए हुए थे। पकी फसल को पानी में बिछा और डूबा देख वह अचेत होकर गिर पड़े। परिवारीजन इलाज के लिये सीएचसी सोहावल ले गये। गंभीर हालत देख डॉक्टर ने जिला अस्पताल भेजा। जहां से ओम नारायन को लखनऊ रेफर कर दिया गया। इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई।
सोहावल सीएचसी अधीक्षक प्रदीप कुमार ने बताया कि ओम नारायन की मौत दिगाम की नस फटने की वजह से हुई है। स्थानीय ग्रामीण अखिलेश मिश्र व ग्राम प्रधान ने बताया कि मृतक के पास मात्र एक बीघा खेत था। भारी मशक्कत से तैयार फसल बरसात के कारण खेतों में बिछ गई है। तहसीलदार पवन कुमार गुप्ता ने बताया कि राजस्व निरीक्षक व हल्का लेखपाल को भेजकर मामले की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
शासन की ओर से बारिश से प्रभावित फसलों के सर्वे के आदेश मिले हैं। इसके लिए सभी तहसीलों के एसडीएम को निर्देश दिए गए हैं, जिन किसानों का 33 प्रतिशत से अधिक फसलों का नुकसान हुआ है उन्हें नियमानुसार मुआवजा दिया जायेगा
घटना की राजस्व टीम से स्थलीय जांच कराई गई, जिसमें यह पता लगा की किसान की मृत्यु लखनऊ में इलाज के दौरान हुई थी। परिजनों ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही दाह संस्कार कर दिया है। बिना पोस्टमार्टम के मृत्यु का कारण अज्ञात है
न्यूज़ क्रेडिट: amritvichar