जांच में दवाइयां पाई गईं नकली, 75 लाख रुपये से ज्यादा की हुईं थी बरामद

Update: 2022-12-16 18:25 GMT
संभल। शासन के निर्देश पर औषधि विभाग की टीमों द्वारा संभल की दवा फैक्ट्री से बरामद की गईं नामी कंपनी के रैपर वाली दवाइयां जांच में नकली साबित हुई हैं। औषधि विभाग प्रयोगशाला से मिली जांच रिपोर्ट अदालत में दाखिल करेगा। अब इस मामले में गिरफ्तार फैक्ट्री संचालक पिता-पुत्र की परेशानी बढ़ना तय माना जा रहा है।
शासन के निर्देश पर गोपनीय सूचना के आधार पर कई जनपदों के औषधि निरीक्षकों को मिलाकर बनाई गई टीमों ने तीन नवंबर को नगर के शहजादी सराय में नकली दवा बनाने की फैक्ट्री पर छापेमारी की थी। मौके से बड़ी दवा कंपनियों की महंगी दवाओं का स्टॉक मिला था। यह नकली दवाएं इसी फैक्ट्री में बनाकर बेची जा रही थीं। इस मामले में फैक्ट्री संचालक तेजप्रकाश व उसके बेटे को गिरफ्तार कर लिया गया था। दवाओं के सैंपल प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गये थे। अभी कुछ दवाओं की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है।
सिफिक्सिन एवं एथ्रोमाईसिन नामक दवा की जांच में पता चला कि यह नकली थीं। राजकीय विश्लेषक द्वारा जांच में दवा की मात्रा शून्य पाई गई है.
औषधि निरीक्षक ने बताया कि जांच के लिए ली गईं औषधियों की जांच विशेष प्राथमिकता पर कराने के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है, ताकि प्रकरण में दवाओं की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के उपरांत शीघ्र ही न्यायालय में मुकदमा दर्ज किए जाने की कार्रवाई संभव हो सके। नकली दवाओं के निर्माण में संलिप्त पाए गए समस्त व्यक्तियों के विरुद्ध औषधि अधिनियम की गंभीर धाराओं में शीघ्र मुकदमा दर्ज किए जाने की कार्रवाई की जा रही है।

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