गोंडा। इटियाथोक में मनरेगा योजना में मजदूरी भुगतान का फर्जीवाड़ा सामने आया है। ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव ने मिलीभगत कर एक ऐसे श्रमिक के नाम पर मजदूरी निकाल ली, जो कार्यस्थल पर मौजूद ही नहीं था। मजदूरी भुगतान वाले दिन वह एक केस के सिलसिले में कोर्ट में हाजिर था। एक ग्रामीण ने इसकी शिकायत डीएम और डीसी मनरेगा से की है। इटियाथोक ब्लॉक के ग्राम पंचायत बिहुरी का है। यहां के विनय कुमार ने गांव में मनरेगा योजना में बिना काम के मजदूरी भुगतान किए जाने की शिकायत की है। विनय कुमार के मुताबिक, गांव के ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव ने बाबादीन नाम के व्यक्ति को मनरेगा श्रमिक दिखाकर उसके नाम से मजदूरी का भुगतान ले लिया।
विनय का आरोप है कि 18 जुलाई को बाबादीन विशेष न्यायाधीश एससी/एसटी एक्ट की कोर्ट में एक केस के सिलसिले में उपस्थित था। रजिस्टर पर उसने हस्ताक्षर भी बनाया है। ऐसे में वह कोर्ट से करीब 40 किमी की दूरी पर स्थित अपने गांव में चल रहे काम पर कैसे पहुंच सकता है। यह जानकारी होने के बावजूद ग्राम प्रधान ने व सचिव ने फर्जीवाड़ा करते हुए इसी दिन उसे मनरेगा योजना का श्रमिक बनाकर काम करता दिखा दिया और उसकी उपस्थिति लगा दी। इसी उपस्थिति के आधार पर 18 जुलाई की मजदूरी का भुगतान ले लिया गया। डिप्टी कमिश्नर मनरेगा सन्त कुमार ने बताया कि बिहुरी गांव में मनरेगा श्रमिक के नाम पर गलत तरीके से मजदूरी भुगतान की शिकायत मिली है। अभी जांच नहीं शुरू की गई है। समय मिलते ही प्रकरण की जांच कराई जाएगी।