Faizabad: विवाहिता को दहेज के लिए नदी में डुबोकर मार डाला
पुलिस ने विवाहिता के पति के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज किया
फैजाबाद: स्थानीय पुलिस ने एक सप्ताह बाद दहेज हत्या का केस दर्ज किया है. केस दर्ज कराने के लिए विवाहिता का पिता दुबौलिया व नगर थाने का चक्कर लगा रहा था. मामला सुर्खियों में आने के बाद पुलिस ने विवाहिता के पति के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज कर लिया है.
दुबौलिया थानाक्षेत्र के बरसांव माली पुरवा निवासी रामटहल का कहना है कि उसकी बेटी पूनम (25) का विवाह 25 फरवरी 2021 को नगर थानाक्षेत्र के गोइरी गांव निवासी सूर्यलाल पुत्र रामअवध के साथ हुआ था. रामटहल का आरोप है कि बेटी का पति उसे मारा-पीटा करता था और दहेज की मांग करता था. पति कहता था कि अपने बाप से बाइक और दो लाख रुपया मांगकर लाओ घर बनवाना है. 30 जुलाई को उसे सूचना मिली कि उसकी बेटी का मोबाइल व चप्पल दुबौलिया थानाक्षेत्र के बनकठवा गांव के पास मनोरमा नदी के तट पर बने शवदाह गृह के पास मिला है. वह बेटी के ससुराल नगर थानाक्षेत्र के गोइरी गांव पहुंचा तो बेटी के पति व सास ने बताया कि पूनम 29 जुलाई की सुबह ही घर से निकली है और वापस नहीं आई. बेटी की गुमशुदगी की सूचना देने नगर थाने पर पहुंचा तो वहां मालूम हुआ कि मनोरमा नदी में पिपरौल घाट के पास एक महिला का शव मिला है. शव की पहचान पूनम के रूप में हुई. दुबौलिया पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया, लेकिन पुलिस का कहना था कि मुकदमा नगर थाने में दर्ज होगा. रामटहल का आरोप है कि दहेज के लिए बेटी को नदी किनारे लाकर डुबोकर मार डाला गया है. दुबौलिया थाना थानाध्यक्ष चंद्रकांत पांडेय ने बताया कि दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.
मझारी के पास सरयू नहर में युवक डूबा: सोनहा थानाक्षेत्र के मंझारी गांव के पास स्थित सरयू नहर में नहाने गया एक युवक डूब गया. आसपास के लोगों ने उसे डूबता देखकर शोर मचाया और पुलिस समेत घरवालों को सूचना दी. सूचना पाकर मौके पर पहुंची सोनहा पुलिस युवक की तलाश में जुट गई.
स्थानीय लोगों के मुताबिक सोनहा थाने के परसाकुतुब गांव निवासी 24 वर्षीय महेन्द्र यादव दोपहर करीब तीन बजे मंझारी गांव के समीप से गुजर रही सरयू नहर में नहाने गया था. महेंद्र तेज बहाव में अचानक डूबने लगा. महेंद्र जब काफी देर तक पानी से बाहर नहीं निकला तो नहर किनारे बैठे ग्रामीणों ने उसके परिजनों को जानकारी दी. लोगों ने पानी में उसकी खोजबीन की. देर शाम छह बजे तक महेन्द्र का कुछ भी पता नहीं चला.