Faizabad: अहमदपुर टोल प्लाजा बाराबंकी के प्रबंधक पर 3.40 लाख रुपये का जुर्माना लगा

"3.40 लाख रुपये का जुर्माना"

Update: 2025-01-01 05:34 GMT

फैजाबाद: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश अमरजीत वर्मा व सदस्य अजय प्रकाश सिंह की पीठ ने बुजुर्ग परिवादी से 95 रुपये अधिक लेने व उन्हें अपमानित करने के मामले में बाराबंकी जिले के अहमदपुर टोल प्लाजा बाराबंकी के प्रबंधक पर 3.40 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.

बस्ती जिले के पैकोलिया थाना अंतर्गत नरसिंहपुर कला निवासी श्याम नारायण सिंह ने आयोग में अपने अधिवक्ता संजीव कुमार भट्टाचार्य के जरिये दिए शिकायती वाद में कहा है कि परिवादी वरिष्ठ नागरिक है. वह अपने वाहन से 23 दिसम्बर 2020 को अयोध्या से लखनऊ जा रहा था. अहमदपुर टोल प्लाजा पर 95 रुपये उसके फॉस्टटैग से डेबिट हुआ. दूसरे दिन लखनऊ से लौटते समय टोल कर्मी ने उनसे कहा कि फॉस्टटैग अपडेट न होने के कारण 190 रुपये देना होगा. परिवादी ने उसे बताया कि एक दिन पूर्व इसी टोल प्लाजा पर फॉस्ट टैग से डेबिट हुआ है. उन्हें झूठा साबित करते हुए अपमानित किया गया. विवश होकर उक्त राशि का भुगतान करना पड़ा. परिवादी का कथन है कि वहां से आगे बढ़ने पर रौनाही टोल प्लाजा पर उसके फास्ट टैग से डेबिट हुआ. इससे यह प्रतीत होता है कि उसके वाहन में लगा फॉस्ट टैग सुचारू रूप से काम कर रहा था. परिवादी ने इसकी शिकायत संबंधित अधिकारियों से किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.

आयोग ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि टोल प्लाजा पर तैनात कर्मियों के कार्य, व्यवहार एवं आचरण पर यदि संज्ञान लिया जाए तो पाया जाता है कि अक्सर वहां तैनात कर्मी का आचरण समुचित व्यापारिक व्यवहार से भिन्न है. वह शालीनता का परिचय नहीं देते हैं. आयोग ने अपने आदेश में कहा है कि परिवादी से वसूल की गई 95 रुपये अधिक धनराशि पर भुगतान की तिथि तक आठ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित भुगतान परिवादी को 30 दिन में करें. भागदौड़ में व्यय 20 हजार रुपये, मानसिक व शारीरिक पीड़ा व आर्थिक क्षति के लिए तीन लाख रुपये तथा अधिवक्ता व वाद-व्यय शुल्क के रुप में 20 हजार रुपये परिवादी को भुगतान करें. निर्धारित समय सीमा में भुगतान नहीं किए जाने पर धनराशि पर भुगतान की तिथि तक 12 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज देय होगा.

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