Faizabad: आमा चौराहे पर लगा बिजली का पोल सुबह जेसीबी की ठोकर से टूटा

इसे बदलवाने की व्यवस्था कराई जा रही है.

Update: 2024-06-03 06:35 GMT

फैजाबाद: वाल्टरगज-बभनान मार्ग पर आमा चौराहे पर लगा बिजली का पोल सुबह जेसीबी की टक्कर से टूट गया. पोल टूटने के बाद सड़क के दोनों ओर बसे आमा, इमलिया गांव के दर्जनों घरों की बिजली गुल हो गई. बताया जा रहा है कि जेसीबी चालक हादसे के बाद वहां से फरार हो गया. ग्रामीणों ने पोल टूटने की सूचना बिजली विभाग को दी. अवर अभियंता अनुज कुमार कन्नौजिया का कहना है कि पोल टूटने की सूचना मिली है. इसे बदलवाने की व्यवस्था कराई जा रही है.

स्थानीय लोगों के अनुसार सुबह लगभग पांच बजे गौर की तरफ से एक जेसीबी वालटरगंज की तरफ जा रही थी. जेसीबी जैसे ही आमा चौराहे पर पहुंची, कि अचानक अनियंत्रित होकर सड़क के किनारे खड़े पोल से जा टकराई.

स्थानीय लोगों की माने तो जिस समय हादसा हुआ, जेसीबी चालक के अलावा कोई और चला रहा था, जिस कारण वह अनियंत्रित होकर पोल से टकराई. गनीमत रहा कि सुबह का समय होने के कारण सड़क सन्नाटी थी, वरना कोई बड़ा हादसा हो सकता था. लोगों का यह भी कहना है कि सड़क के किनारे से पोल हटाए नहीं गए, जिससे हादसे की सम्भावना हमेशा बनी रहती है.

शरद काल में बुआई से गन्ने की अधिक उपज: चीनी मिल के गन्ना कार्यालय में उत्तर प्रदेश गन्ना किसान संस्थान प्रशिक्षण केन्द्र पिपराइच गोरखपुर के सहायक निदेशक ओम प्रकाश गुप्ता ने विभिन्न जानकारियां दी.

बताया कि शरद काल में गन्ना बोने से, बसंत काल में बोए गए गन्ने की तुलना में से प्रतिशत अधिक उपज मिलती है. इसलिए जरूरी है कि शरद कालीन गन्ने की बुवाई 15 सितम्बर से अक्टूबर तक कर लिया जाए. यह तभी सम्भव है जब धान की शीघ्र पकने वाली प्रजातियों की बुवाई करें. धान की शीघ्र पकने वाली प्रजातियां 90 से 110 दिनों में पक्कर तैयार हो जाती हैं. सहायक निदेशक ने धान की वैज्ञानिक खेती के विषय में जानकारी लेने के लिए धान अनुसंधान संस्थान कटक उड़ीसा, नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या और एनजी रंगाराव कृषि विश्वविद्यालय हैदराबाद के वैज्ञानिकों से जानकारी हासिल की है.

सहायक निदेशक ने धान की शीघ्र पकने वाली प्रजातियों की जानकारी देते हुए बताया कि नरेन्द्र धान 97, नरेन्द्र धान 118, नरेन्द्र 80, नरेन्द्र धान 1, वारानी दीप, शुष्क सम्राट, सीओ 51 आदि 90 से 110 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. सितम्बर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में निश्चित पककर कट जाएगी .

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