अलीगढ़ न्यूज़: राज्य सरकार ने किसानों को अपनी उपज सीधी मिलों को बेचने का रास्ता साफ कर दिया है. मिलें अब किसानों से उनकी उपज सीधे खरीद सकेंगी और उस पर लगने वाला मंडी शुल्क उन्हें नहीं देना होगा. राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने उत्तर प्रदेश कृषि उत्पान मंडी अधिनियम-1964 को मंजूरी दी है.
इसके साथ ही एक लाइसेंस पर मिल मालिकों को पूरे प्रदेश में कारोबार करने की सुविधा दे दी गई है. पहले एक जिले के लिए एक लाइसेंस होता था. उसे अलग अलग लेना पड़ता था. खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सीधे किसानों से उपज लेने पर मंडी शुल्क देना पड़ता था. इसके चलते किसान सीधे अपनी उपज मिलों को नहीं बेच पाते थे. मिलों को सीधे किसानों से उपज लेने के एवज में मंडी शुल्क देना पड़ता था. एक कुंतल पर यह करीब डेढ़ प्रतिशत तक यानी 30 रुपये होता था. राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी (संशोधन) अध्यादेश को कैबिनेट से मंजूरी दिलाते हुए राज्यपाल को भेजा था, जिसे अनुमति मिल गई है. इससे किसानों को जहां फायदा होगा, वहीं राज्य में प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा. प्रदेश के बाहर से प्रसंस्करण के लिए लाए गए कृषि उत्पाद पर मंडी शुल्क एवं विकास उपकर में छूट होगी. प्रदेश के बाहर से लाए गए कृषि उत्पाद को प्रसंकरण इकाइयों द्वारा सीधे क्रिया जाएगा.