रैपिड रेल की तीसरी सुरंग की खुदाई भी हुई पूरी, इंजीनियर संग तिरंगा हाथ में लेकर मनाया जश्न

Update: 2023-02-08 10:45 GMT

मेरठ: देश की पहली रैपिड ट्रेन ने मेरठ में सफलता की एक और इबारत लिख दी। मंगलवार को मेरठ में रैपिड की तीसरी टनल का ब्रेक हुआ। इस अवसर पर एनसीआरटीसी के एमडी विनय सिंह भी मेरठ पहुंचे और यहां आयोजित समारोह में शामिल हुए। ब्रेकथ्रू के दौरान रैपिड के अधिकारियों ने इंजीनियर्स संग तिरंगा हाथ में लेकर जश्न मनाया। इस मौके पर एमडी ने रैपिड के कार्यों में लगे तमाम कर्मचारियों को कुछ दिशा-निर्देश भी दिए और बधाई भी दी।

दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में तीसरी टनल का मंगलवार को सफल ब्रेकथ्रू हुआ। इस टनल का निर्माण कर रही सुदर्शन 8.2 (टनल बोरिंग मशीन) ने भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन के बीच लगभग दो किमी लंबी टनल का सफलतापूर्वक निर्माण पूरा कर लिया है। इस दौरान मेरठ सेंट्रल स्टेशन में बनाई गयी टनल रिट्रीविंग शाफ्ट से ब्रेकथ्रू किया गया। मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर की यह तीसरी टनल है, जिसका ब्रेकथ्रू हुआ है।

करीब डेढ़ महीने पहले भैंसाली से मेरठ सेंट्रल स्टेशन तक की ही पहली टनल का निर्माण सुदर्शन 8.1 ने पूरा किया था। उल्लेखनीय है कि आरआरटीएस के भूमिगत कॉरिडोर में ट्रेनों की आवाजाही के लिए दो समानांतर टनल निर्मित की गई हैं। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक की दूसरी समानांतर टनल का निर्माण पूर्ण होने के बाद इस सेक्शन का भूमिगत हिस्सा पूरी तरह निर्मित हो चुका है।

बताते चलें कि मेरठ में पहला ब्रेकथ्रू अक्टूबर 2022 में हुआ था, जिसके अंतर्गत सुदर्शन 8.3 ने गांधीबाग से बेगमपुल तक की टनल का निर्माण किया था। वर्तमान में यही सुदर्शन 8.3 गांधीबाग से बेगमपुल तक की दूसरी समानांतर टनल का निर्माण कर रही है। रैपिड अधिकारियों के अनुसार आने वाले कुछ हफ्तों में भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक टनल निर्माण कर चुकीं दोनों टीबीएम-सुदर्शन 8.1 और सुदर्शन 8.2 को भैंसाली से बेगमपुल के बीच समानांतर टनल निर्माण के लिए फिर से असेंबल किया जाएगा।

भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक दो किमी लंबी दूसरी समानांतर टनल के ब्रेकथ्रू के साथ ही एनसीआरटीसी ने परियोजना का एक और माइलस्टोन हासिल कर लिया है। टनल निर्माण होने के बाद सुरंग के अंदर ट्रैक बिछाने का कार्य प्रारम्भ होगा। भैंसाली से मेरठ सेंट्रल तक रैपिड अधिकारियों के अनुसार लगभग दो किमी लंबी टनल के निर्माण के लिए 9000 से अधिक प्री-कास्ट सेगमेंट का उपयोग किया गया है। टनलिंग प्रक्रिया में इन सेगमेंट को बोर की गई टनल में इंसर्ट किया जाता है और सात खंडों को जोड़कर एक रिंग का निर्माण किया जाता है।

प्रत्येक सेगमेंट 1.5 मीटर लंबा और 275 मिमी मोटा होता है। इन सेगमेंट और रिंग को बोल्ट की मदद से जोड़ा जाता है। बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी. प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण निर्मित की जा रही आरआरटीएस टनलों का व्यास 6.5 मीटर है। मेट्रो सिस्टम की तुलना में देश में पहली बार इतनी बड़ी आकार की टनल का निर्माण किया जा रहा है।

एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने बताया कि इन टनल सेगमेंट की कास्टिंग एनसीआरटीसी के शताब्दी नगर स्थित कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित गुणवत्ता नियंत्रण के साथ की जा रही है। प्री-कास्टिंग गुणवत्ता नियंत्रण सुनिश्चित करते हुए कार्यों के सुरक्षित और तेजी से निष्पादन में मदद करती है। मेरठ में तीसरी टनल के ब्रेक थ्रू के मौके पर एमडी विनय सिंह खुद मेरठ आए और उन्होंने अन्य अधिकारियों के साथ इंजीनियर्स और कर्मचारियों की हौसला अफजाई की। इस मौके पर कर्मचारियों ने भी तिरंगा हाथ में लेकर खुशी का इजहार किया।

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