कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने से भी लोग बूस्टर डोज के प्रति जागरूक नहीं, 4 लाख 97 हजार लोग बूस्टर डोज नहीं लगवाए

कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। बावजूद इसके लोग बूस्टर डोज (प्रीकाशन डोज) के प्रति जागरूक नहीं हैं। चार लाख 97 हजार लोग बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे हैं। अब तक 16.57 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाया है। इनमें दो से तीन प्रतिशत युवा हैं।

Update: 2022-06-14 15:16 GMT

कोरोना संक्रमण के मामले फिर बढ़ने लगे हैं। बावजूद इसके लोग बूस्टर डोज (प्रीकाशन डोज) के प्रति जागरूक नहीं हैं। चार लाख 97 हजार लोग बूस्टर डोज नहीं लगवा रहे हैं। अब तक 16.57 फीसदी लोगों ने ही बूस्टर डोज लगवाया है। इनमें दो से तीन प्रतिशत युवा हैं।

जानकारी के मुताबिक, जिले में बूस्टर डोज का आंकड़ा 20 फीसदी भी नहीं पहुंच पाया है। फ्रंटलाइन और हेल्थ वर्करों के अलावा कोई भी बूस्टर डोज के लिए आगे नहीं आया। जबकि, पहली और दूसरी डोज का आंकड़ा काफी ठीक है। सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि पहली और दूसरी डोज लगवाने में लोग आगे आए हैं, लेकिन बूस्टर डोज के लिए युवा आगे नहीं आ रहे हैं।
शुल्क देने का दिख रहा बड़ा असर
शासन ने केवल हेल्थ लाइन और फ्रंटलाइन वर्करों को निशुल्क बूस्टर डोज लगवाने के निर्देश दिया है। इसी वजह से उन्हें बूस्टर डोज लगाने का प्रतिशत ज्यादा है। जबकि अन्य लोगों को इसके लिए शुल्क तय किए गए हैं। इन लोगों को निजी बूथों पर बूस्टर डोज लगवाना पड़ेगा।
अब तक के टीकाकरण पर एक नजर
18 वर्ष से ऊपर
पहली डोज- 35,63,575 प्रतिशत-102.17
दूसरी डोज- 32,73,857 प्रतिशत- 93.86
18 वर्ष से कम उम्र
पहली डोज- 3,08,932 प्रतिशत- 99.16
दूसरी डोज- 2,68,535 प्रतिशत- 86.22
12 से 14 वर्ष के बच्चे
पहली डोज- 1,20,935 प्रतिशत- 64.29
दूसरी डोज- 4,6717 प्रतिशत- 24.83
कुल बूस्टर डोज- 82,525 प्रतिशत- 16.57
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दुबे ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण बेहद जरूरी है। ऐसे में जिन लोगों का बूस्टर डोज का समय पूरा हो चुका है। वे जरूर लगवाएं। संक्रमण के मामले फिर से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में बूस्टर डोज लगवाकर कोरोना से बचा जा सकता है।


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