लखनऊ न्यूज़: उत्तर प्रदेश में अब एथेनॉल जल्द ही गन्ना किसानों की तकदीर बदलेगा. पेट्रोल में एथेनाल मिलाने के फैसले के साथ जहां एथेनाल की मांग बढ़ना तय है. वहीं अब वह दिन दूर नहीं जब सिर्फ एथेनाल से ही कारें दौड़ती नजर आएंगी. ऐसे में उम्मीद है कि एथेनाल का सबसे बड़े उत्पादक राज्य यूपी में चीनी मिलें चीनी के बजाये एथेनाल से आमदनी बढ़ाएंगी. इसका सीधा लाभ गन्ना किसानों को बढ़े गन्ने मूल्य के रूप में मिले तो हैरत नहीं.
पिछले साल 11 अक्तूबर को नई दिल्ली में एक जानी मानी जापानी कम्पनी ने अपनी एक ऐसी कार लाँच की जो सिर्फ एथेनॉल से भी चल सकती है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा के मुताबिक अब देश में हरित ईंधन के इस्तेमाल को बढ़ाने के लिए पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण 11 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया गया है. इसकी शुरुआत अप्रैल से करने की तैयारी की जा रही है.
उत्तर प्रदेश एथेनॉल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है और यहां किसानों को अब भी गन्ने की खेती करने पर उपज के वाजिब दाम नहीं मिल पाते. वजह है कि मिलें चीनी बनाने पर ज्यादा जोर देती हैं जो कि बाजार में मिलों को लाभकारी मूल्य नहीं दिलाती बल्कि मिलों को लाभकारी आमदनी एथेनॉल से ही हो रही है.
यूपी में गन्ना
● गन्ने का कुल उत्पादन-2272 लाख टन●
● कुल क्षेत्रफल-28 लाख हेक्टेयर
● चीनी बनती है-102 लाख मी.टन
● एथेनॉल बनता है-95 करोड़ लीटर
● अभी पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण होता है-11 प्रतिशत
● अप्रैल से पेट्रोल में एथेनॉल का मिश्रण 20करने की तैयारी
● किसानों को गन्ने का भाव मिलता है-अगैती-350 रुपये प्रति कुंतल
केंद्र सरकार ने पेट्रोल में एथेनाल का मिश्रण 20 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है. भविष्य में यह मिश्रण और बढ़ेगा जिससे यूपी में एथेनाल की मांग बढ़ने पर उत्पादन बढ़ाना होगा. इससे न केवल प्रदूषण खत्म होगा बल्कि गन्ना किसानों को लाभ तय है.
-दीपक गुप्तारा,महासचिव यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन