मेरठ: एनजीटी के आदेश तो पहले ही मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर नकार चुके हैं, लेकिन अब प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय के हिदायत देने के बाद भी ग्रीन वर्ज में नए निर्माण चलवा रहे हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष प्रवर्तन में तैनात इंजीनियरों की मीटिंग बुलाकर दो टूक कह चुके हैं कि उनके कार्यकाल में नया निर्माण नहीं होना चाहिए, लेकिन इंजीनियर है कि अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं। प्राधिकरण उपाध्यक्ष के आदेशों का कितना पालन हो रहा है ?
यह जानने के लिए परतापुर से लेकर मोदीपुरम तक ग्रीन वर्ज में क्या नये निर्माण चल रहे है, इसको देखा तो जगह जगह निर्माण चलते हुए मिले। अब ग्रीन वर्ज में अवैध निर्माणों का मामला कमिश्नर सेल्वा कुमारी के दरबार में भी पहुंच गया हैं। कुछ लोगों ने इंजीनियरों की कमिश्नर से शिकायत कर दी हैं। मांग कि है कि या तो ग्रीन वर्ज ही खत्म कर दिया जाए या फिर ग्रीन वर्ज को बदसूरत होने से बचाया जाए। इसमें इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की गई। परतापुर में ही कई निर्माण चल रहे है।ं रेस्टोरेंट व्यापक स्तर पर बन रहे हैं। कालोनी भी विकसित की जा रही हैं। मोनू घाट की तीन सौ बीघा में कॉलोनी विकसित की जा रही हैं, लेकिन इसके लिए कोई रोक-टोक नहीं है। सब सेटिंग का खेल इंजीनियरों के स्तर पर चल रहा है। कागजी कार्रवाई इंजीनियर कर रहे हैं, लेकिन अवैध निर्माण करता को विश्वास में लेकर। कह दिया जाता है कि निर्माण करते रहो, जब निर्माण टूटेंगे तो सभी के टूटेंगे किसी एक का नहीं।
इंजीनियर के इतना कहने के बाद अवैध निर्माणकर्ता का दुस्साहस बढ़ जाता हैं। इस तरह से अवैध निर्मार्णों को बढ़ावा दिया जा रहा है। एपेक्स कॉलेज के बराबर में हाईवे पर ही एक अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई है, जो हाल फिलहाल में सड़कों का निर्माण इस कॉलोनी में किया गया है। सीवर लाइन भी दबाई जा रही है। सुभारती और बागपत बायपास सर्विस रोड के बीच में दुकान का निर्माण कर दिया गया है। इसका लिंटर भी डाल दिया है और पास में ही एक होटल और बनकर तैयार हो गया है। हर्मन सिटी के अंदर लास्ट में अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई है। उसके लिए 10 दिन पहले ही व्यापक स्तर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। इसके लिए क्षेत्रीय इंजीनियर की शह से यह सब काम होने की बात कही जा रही है। योगीपुरम पुलिस चौकी के पास एक रेस्टोरेंट का बड़ा निर्माण चल रहा है, जो पूरी तरह से ग्रीन वर्ज में है।
इसी के ठीक सामने चोटीवाला रेस्टोरेंट्स भी हैं, जो अवैध है। इसके ठीक बराबर में एक अन्य निर्माण रेस्टोरेंट का कर दिया गया है, जिसको फाइनल रूप दिया जा रहा हैं। इसमें किसी तरह कागजी कार्रवाई तो मेरठ विकास प्राधिकरण ने कर दी, लेकिन निचले स्तर पर इंजीनियर की सेटिंग का खेल इसमें खेला जा रहा है। ध्वस्तीकरण के आदेश इंजीनियर नहीं दे रहे हैं। तमाम स्थानों पर बुलडोजर चलाया जा रहा हैं, मगर इन निर्माणों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं। इसी वजह से यह निर्माण बनकर तैयार हो गया है। सरधना रोड पर रात-दिन एक शोरूम का काम चल रहा हैं। लिंटर डाल दिया गया। ये भी ग्रीन वर्ज में। इसका नोटिस तक इंजीनियर ने नहीं काटा। लाला मोहम्मदपुर में तीन अवैध कालोनियां विकसित की जा रही है, ये नई कॉलोनी हैं। इसमें एक माह पहले ही काम शुरू हुआ हैं, जिनमें इंजीनियरों का नया खेल सामने आ रहा है।
इंजीनियरों ने बिल्डर से कह दिया गया है कि कॉलोनी सुरक्षित रखना चाहते हो तो पहले मकान बनवाओ, फिर सड़क बनाना। मकान बन गए तो उसमें बुलडोजर नहीं चलेगा। इस तरह से एमडीए के इंजीनियर बिल्डरों को अवैध निर्माण करने के तरीके भी बता रहे हैं। बाकी कॉलोनी में मकान बन गए तो ध्वस्तीकरण नहीं होगी। ऐसा कहा जा रहा हैं। यदि मकान नहीं बने तो कार्रवाई मजबूरी में करनी पड़ेगी। इसलिए बिल्डरों ने अब कॉलोनी में पहले मकान बनाने शुरू कर दिए हैं। बिल्डर पहले मकान का निर्माण करा रहे हैं। फिर सड़क और दूसरी चीजें बना रहे हैं। इस तरह से चोर रास्ता इंजीनियरों ने बिल्डरों को बता दिया है।