लखनऊ न्यूज़: प्रदेश के विकास प्राधिकरणों के सैकड़ों इंजीनियरों को शासन रिटायर करना ही भूल गया. इंजीनियरों ने भी रिटायरमेंट की उम्र पूरी होने की बात छुपा ली. अफसरों की कृपा से प्रदेश के विभिन्न प्राधिकरणों के दो सौ से ज्यादा इंजीनियर रिटायर होने के बावजूद नौकरी कर वेतन-भत्ते और इन्क्रीमेंट ले रहे हैं. शासन ने अब ऐसे इंजीनियरों से वेतन-भत्तों की रिकवरी का आदेश किया है. इनको 100 करोड़ से ज्यादा वेतन भुगतान किया जा चुका है.
प्रदेश के प्राधिकरणों में वर्ष 1986 में 180 और वर्ष 1987 में करीब 119 जूनियर इंजीनियरों की भर्ती हुई थी. वर्ष 2009 में शासन ने आदेश जारी कर इंजीनियरों को 58 और 60 वर्ष में रिटायर होने का विकल्प दिया. 58 का विकल्प चुनने वाले इंजीनियरों को दो वर्ष पहले रिटायरमेंट लाभ का आदेश था. इसमें 95 से अधिक इंजीनियरों ने स्वत 58 का विकल्प भर दिया था. ऐसे में इनकी रिटायरमेंट आयु 58 वर्ष हो गई मगर अब पता चला है कि इन्होंने 58 वर्ष में रिटायरमेंट के लाभ तो पूरे ले लिए, लेकिन शासन, प्राधिकरण के अफसर इन्हें रिटायर करना ही भूल गए.
20-30 लाख रुपये तक अधिक भुगतान
एलडीए में ऐसे 20 इंजीनियर काम कर रहे हैं. एलडीए इंजीनियर 2020-21 में रिटायर हुए, जिन्हें 20-30 लाख अधिक भुगतान हुआ है. पता चला है कि सभी को 100 करोड़ भुगतान हो चुका है. प्रत्येक को 30 लाख तक अधिक मिला है.
आईएएस अफसरों से ज्यादा वेतन पा रहे जेई
कई जूनियर इंजीनियर आईएएस अफसरों से ज्यादा वेतन पा रहे हैं. ये वही इंजीनियर हैं, जिन्होंने 58 वर्ष में रिटायरमेंट का विकल्प दिया था. इन्हें एक अतिरिक्त एसीपी यानी ग्रेड पे का लाभ मिल गया. इससे 7600 ग्रेड पे में पहुंच गये.