सिटी न्यूज़: ऊर्जा निगम में ऊर्जा मंत्री के आदेश भी कोई मायने नहीं रखते। जिन दो अवर अभियंताओं को मंत्री ने काम में लापरवाही बरतने पर निलंबित किया था। उन्हीं दोनों जेई को अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए बहाल करते हुए उन्हीं बिजली घरों का अतिरिक्त चार्ज दे दिया, जहां से वह निलंबित हुए थे। अब बहाल हुए दोनों अवर अभियंता क्या अपने काम की जिम्मेदारी निष्ठापूर्वक निभाएंगे यह सवाल उठने लगा हैं। ऊर्जा मंत्री डा. सोमेन्द्र तोमर ने 17 सितंबर को देहात डिवीजन में आने वाले काजीपुर विद्युत उपकेन्द्र पर तैनात जेई योगेश गुप्ता व सी पॉकेट लोहिया नगर के उपकेन्द्र पर तैनात जेई तुषार सिंघल को निलंबित किया था। ऊर्जा मंत्री ने दोनों उपकेन्द्रों का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें दोनों जेई ड्यूटी के समय मौके पर मौजूद नहीं पाए गए थे, जबकि उस दिन दोनों बिजली घरों पर राजस्व बढ़ाने के लिए कैंप लगाए गए थे।
ऐसे में दोनो जेई अपने काम के प्रति लापरवाही करते रंगे हाथों पकड़े गए थे। जिसके बाद ऊर्जा मंत्री ने दोनों को निलंबित करते हुए उन्हें जांच होने तक एक को परतापुर तो दूसरे को शताब्दीनगर बिजली घर पर भेज दिया गया था। अब दोनों अवर अभिंताओं को बहाल होने के बाद उसी बिजली घर का चार्ज दे दिया गया है, जहां से वह निलंबित हुए थे। जबकि नियमों के अनुसार निलंबन के बाद उसी बिजली घर में तैनाती नहीं हो सकती, लेकिन यहां इसका पालन नहीं किया गया। इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या विभाग के पास निलंबित हुए अधिशासी अभियंताओं की जगह कोई दूसरे अभियंता नहीं हैं, जिन्हें काजीपुर व लोहियानगर बिजली घरों का चार्ज दिया जा सके। जिन बिजली घरों में लापरवाही बरतने पर दोनों जेई निलंबित किया गया था, दोनों को उसी बिजली घर पर कैसे तैनात किया गया है?
सोमवार को जिन अधिशासी अभियंताओं को काजीपुर व लोहियानगर का अतिरिक्त चार्ज दिया गया था वह शाम को वापस ले लिया गया हैं। अब यह दोनों अधिशासी अभियंता शताब्दी नगर व परतापुर में ही तैनात रहेंगे। -संजीव वर्मा, अधिक्षण अभियंता।