वाराणसी न्यूज़: पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की तीन पोल इकाइयों की क्षमता वृद्धि के नाम पर आठ करोड़ रुपये के गबन की विजिलेंस खुली जांच करेगा. उक्त इकाइयां बंद हो चुकी हैं.
इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय से आदेश जारी होने के बाद विजिलेंस के एसपी ने इंस्पेक्टर संजय सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. संजय सिंह ने सिविल विभाग के मुख्य अभियंता नरेश कुमार तत्कालीन अधिशासी अभियंता शत्रुघ्न राम और तत्कालीन अधीक्षण अभियंता केएम राव का सेवा विवरण मांगा है.
सरकार ने यह आदेश प्रयागराज में सिविल विभाग में तैनात एसडीओ विजय प्रताप सिंह की शिकायत पर जारी किया है. वर्तमान में शत्रुघ्न राम प्रयागराज में अधीक्षण अभियंता पद पर तैनात हैं जबकि केएम राव सेवानिवृत्त हो चुके हैं. विद्युत पोल निर्माण खंड (वाराणसी) के अंतर्गत साहुपुरी (चंदौली), नैनी (प्रयागराज) और बरहुआं (गोरखपुर) में उसकी यूनिटें खुली थीं. वहां विभाग के लिए पीसीसी पोल (खंभा) बनते थे.
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत वर्ष-2016 में लगभग 8 करोड़ की लागत से तीनों पोल इकाइयों की क्षमता वृद्धि के लिए टेंडर निकाला गया था. लगभग डेढ़ करोड़ से स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया से स्टील खरीदी गई थी. वर्ष-2019 में एक भी पोल का निर्माण कराए बिना तीनों यूनिटों को बंद करने की घोषणा कर दी गई. जबकि, इस संबंध में पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल विद्युत वितरण के एमडी की ओर से कोई आदेश जारी नहीं किया गया था. चर्चा थी कि प्राइवेट पोल फैक्ट्रियों को लाभ पहुंचाने के लिए उक्त तीनों यूनिटें बंद की गईं.