बस्ती न्यूज़: जनपद में जल्द ही जर्जर तार व खंभे बदले जाने का काम शुरू होगा. केंद्र सरकार की रीवैम्प योजना के तहत यह सपना साकार होगा. अधिकारियों का कहना है कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी की ओर से कार्यदायी संस्था को नामित किया जा चुका है और संस्था ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है.
अधीक्षण अभियंता बस्ती एसके आर्या ने बताया कि जिले में 117 ऐसे फीडर चिह्नित किए गए हैं, जहां पर लाइन लॉस सबसे ज्यादा है, या वह काफी जर्जर हो चुके हैं. इन्हीं फीडरों पर सुधार का काम किया जाना है. इसके तहत जर्जर तार व खंभे बदले जाने हैं. इस योजना का मुख्य उद्देशॺ लाइन लॉस या बिजली चोरी को कम किया जाना है.
उन्होंने बताया कि 11 केवी के 391 तथा 33 केवी के 72.5 किलोमीटर तार बदले जाने हैं. इसी के साथ 1306.4 किलोमीटर केबल भी लगाया जाना है. इस काम पर कुल 82 करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं. यह कार्य शहर व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कराया जाना है.
बिजली चोरी रोकने में मिलेगी मदद. रीवैम्प योजना के साकार हो जाने के बाद विभाग को बिजली चोरी रोकने में मदद मिलेगी. इसी के साथ जर्जर तार के कारण हो रहे लाइन लॉस में भी कमी आएगी. विभाग का इस समय सबसे ज्यादा फोकस राजस्व की वसूली के साथ बिजली के होने वाले नुकसान को कम किया जाना है. इस योजना में खुले तार की जगह 1306.4 किलोमीटर केबल लगाया जाएगा.
आम तौर से सघन आबादी में घरों की छत के पास से दौड़ रहे खुले तार में कटिया लगाकर बिजली चोरी की जाती है. इसी के साथ घर की छतों के करीब से दौड़ रहे नंगे तार से खतरा भी रहता है. केबल दौड़ाए जाने के बाद जहां चोरी की संभावना नहीं रहेगी, वही खतरा भी नहीं रह जाएगा. कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां तीन से चार दशक पुराने खुले तार दौड़ रहे हैं. तार में जगह-जगह जोड़ लगाकर काम चलायजा जा रहा है. तार जर्जर हो जाने के कारण आए दिन फाल्ट की समस्या आ रही है. तार बदल जाने के बाद फाल्ट की शिकायत कम आएगी तथा उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी. वोल्टेज में भी इससे सुधार होगा.