नेट मीटर से घटने के बजाए बढ़ गए बिजली बिल

बिल कम होने के बजाए उपभोक्ताओं को लाखों के बिल भेजे जा रहे

Update: 2024-05-18 07:48 GMT

लखनऊ: लेसा के नेट मीटर उपभोक्ताओं की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. नेट मीटर लगाने के बाद भी बिल कम होने के बजाए उपभोक्ताओं को लाखों के बिल भेजे जा रहे हैं.

विभागीय लापरवाही से चिनहट, राजाजीपुरम, फैजुल्लागंज, ठाकुरगंज क्षेत्र के अधिकांश लोगों को सही बिल नहीं मिल रहे हैं. किसी को पैनल से जनरेट हुई बिजली यूनिट को घटाकर बिल नहीं बनाया गया, तो किसी को पुराने प्रीपेड मीटर का बिल जोड़कर भेज दिया गया. पीड़ित उपभोक्ताओं के मुताबिक पहले नेट मीटर लगवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर लगाएं और अब गलत बिजली बिल लेकर परेशान हैं. कई बार एसडीओ से लेकर एक्सईएन कार्यालय तक चक्कर लगा चुके हैं, लेकिन बिल सही नहीं हुआ. राजभवन डिवीजन के अंतर्गत गोमगर विस्तार निवासी आलोक उपाध्याय ने सात किलोवाट (खाता सं. 9099304715) घरेलू प्रीपेड कनेक्शन था. उन्होंने छह महीने पहले सोलर पैनल लगवाने के लिए नेट मीटर लगवाया, जिसके बाद विभाग ने उन्हें 7,09,145 लाख रुपये का बिल भेज दिया. पीड़ित ने कई बार इंजीनियरों से बिल संशोधित करने की मांग की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

सात किलोवाट लोड तक बिल संशोधन का काम एसडीओ का है, यदि उपभोक्ता खंड कार्यालय में सम्पर्क करता है तो तत्काल बिल सही किया जाएगा.

डीकेडी द्विवेदी एक्सईएन, राजभवन, लेसा

बिल सुधारना तो दूर उल्टे कनेक्शन ही काट दिया

राजाजीपुरम निवासी ऊषा कुमारी के यहां नौ किलोवाट घरेलू कनेक्शन (खाता सं.8691555555) है. विभाग ने सोलर पैनल से पैदा बिजली बिल में नहीं जोड़ी और बकाया बिल दिखाकर कनेक्शन काट दिया. उपभोक्ता ने बिल जमा किया, लेकिन बिल आज तक संशोधित नहीं हुआ. सीतापुर रोड दीनदयाल नगर निवासी अशोक कुमार ने किलोवाट (खाता सं. 2040500000) घरेलू कनेक्शन है. उन्होंने मार्च में सोलर पैनल लगवाया, लेकिन आज तक बिल सही नहीं दिया गया. राजाजीपुरम निवासी मधु गुप्ता (खाता सं.768211111) और ठाकुरगंज डिवीजन के बालागंज निवासी मंजू गुप्ता (खाता सं. 5841790000) के यहां किलोवाट घरेलू कनेक्शन है. नों उपभोक्ताओं के बिल जनरेट नहीं हुए.

थ्री-फेस स्मार्ट मीटर नहीं

चिनहट डिवीजन के अंतर्गत विज्ञानखंड निवासी शिव प्रवेश के यहां सिंगल फेस मीटर लगा था. उन्होंने सोलर पैनल लगवाने के लिए किलोवाट (खाता सं. 0694667358) थ्री-फेस मीटर लगाने के लिए फीस जमा कर दी. विभाग ने न थ्री-फेस मीटर लगाया और न बिल जनरेट किया.

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